किसान भाइयों, क्या आप भी खेती में बढ़ती लागत, मजदूरों की कमी और समय पर बुवाई न होने से परेशान रहते हैं? अब आपकी ये चिंताएँ खत्म होने वाली हैं। मध्य प्रदेश में एक ऐसी आधुनिक मशीन आ गई है, जो बिना जुताई किए सीधे फसल की बुवाई कर देती है। जी हाँ—जीरो टिलेज मशीन अब किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
छिंदवाड़ा जिले में इस तकनीक से किसानों ने न सिर्फ मेहनत और डीज़ल की बचत की, बल्कि मिट्टी की उर्वरता और उत्पादन में भी शानदार बढ़ोतरी देखी। BISA के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन और कृषि विभाग के सहयोग से यह तकनीक आज हजारों किसानों तक पहुँच रही है। महिला किसानों से लेकर छोटे किसानों तक, हर कोई इसे अपनाकर अपनी खेती आसान और लाभदायक बना रहा है।
अगर आप भी इस क्रांतिकारी तकनीक का फायदा उठाना चाहते हैं, तो मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के तहत MP DAGE पोर्टल पर आवेदन करके आप इस मशीन को बेहद कम कीमत में प्राप्त कर सकते हैं।
यह मशीन क्यों खास है? कैसे काम करती है? किसानों को कैसे बदल रही है? आगे पूरी जानकारी पढ़ें और तय करें—क्या आपकी खेती को भी चाहिए यह नया स्मार्ट समाधान?
इस तकनीक के प्रचार-प्रसार में कृषि विभाग के साथ BISA (Borlaug Institute for South Asia) के वैज्ञानिकों का विशेष योगदान रहा। BISA के टेक्निकल असिस्टेंट दीपेंद्र सिंह ने किसानों को मशीन चलाने की ट्रेनिंग देने के साथ यह भी समझाया कि यह तकनीक खेत की नमी बनाए रखती है, जुताई पर होने वाला खर्च समाप्त करती है, डीजल बचाती है और पराली को मिट्टी में मिलाकर जैविक खाद में बदल देती है।
ग्राम कामठी में किसान किशोरी पवार के खेत पर इस तकनीक का प्रदर्शन बेहद सफल रहा। इसके बाद पूरे इलाके के किसानों में जागरूकता बढ़ी।
परासिया के किसान हेमंत यादव इस तकनीक से प्रभावित होकर पूरे जिले में पहली जीरो टिल मशीन खरीदने वाले किसान बन गए। उन्होंने मशीन को खुद इस्तेमाल करने के साथ-साथ किराए पर देना भी शुरू किया, जिससे उनकी आय दोगुनी होने लगी।
इससे अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिली कि बिना जुताई के आसानी से बुवाई की जा सकती है।
जामनिया जेठू गांव की महिला किसान राजकली ने बताया कि पति के निधन के बाद खेती का पूरा बोझ उन पर आ गया था। मजदूरों की कमी के कारण समय पर बुवाई संभव नहीं हो पा रही थी।
उन्होंने कहा—
“मेरे लिए जीरो टिल मशीन किसी वरदान से कम नहीं है। बिना जुताई के कम मेहनत में समय पर गेहूं की बुवाई हो जाती है। पराली भी नहीं जलानी पड़ती और मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।”
यह तकनीक ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का नया रास्ता खोल रही है।
कृषि अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी समीर पटेल ने बताया कि किसान 10 नवंबर से MP DAGE पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर इस मशीन को सब्सिडी पर ले सकते हैं। इसके लिए DD अपलोड करना होगा। यह अनुदान मशीन को किफायती बनाकर हर गांव तक पहुंचाने में मदद करेगा। हर किसान ले सकता है लाभ
उपसंचालक कृषि जितेंद्र कुमार सिंह के अनुसार—
35–40 HP ट्रैक्टर वाले किसान भी इस मशीन को आराम से चला सकते हैं।
जीरो टिल मशीन समय पर बुवाई सुनिश्चित करती है और पराली जलाने की समस्या खत्म करती है।
जीरो टिलेज मशीन (Zero Tillage Machine) एक आधुनिक कृषि उपकरण है जो खेत की जुताई किए बिना सीधा बीज बो देता है।
इसे नो-टिल सीड ड्रिल या जीरो टिल ड्रिल भी कहते हैं।
इसमें लगे फरो-ओपनर मिट्टी को कम से कम disturb करते हैं और पाइप के माध्यम से बीज सही गहराई पर गिर जाता है।
जीरो टिल मशीन की कीमत आमतौर पर —
₹45,000 से ₹80,000 के बीच की कंपनी और मॉडल के आधार पर होती है।
सरकारी योजनाओं में किसानों को—
40%–50% तक सब्सिडी मिल सकती है। मध्यप्रदेश सरकार इस मशीन पर अनुदान दे रही है। किसान MP DAGE पोर्टल से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सब्सिडी कैसे पाएं? (Short Guide)
✓ MP DAGE पोर्टल पर लॉगिन
✓ मशीन चयन
✓ बैंक DD अपलोड
✓ स्वीकृति के बाद मशीन वितरण अपने जिले के कृषि विभाग से अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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