गेहूं की पत्तियाँ पीली हो रही हैं? जानिए मुख्य कारण और तुरंत रोकथाम के असरदार उपाय

गेहूं की पत्तियाँ पीली हो रही हैं? जानिए मुख्य कारण और तुरंत रोकथाम के असरदार उपाय

गेहूं फसल में पीलापन

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कृषि दुनिया
  • 03 Dec, 2025 01:23 PM IST ,
  • Updated Wed, 03 Dec 2025 06:25 PM

रबी सीजन की प्रमुख फसलें—गेहूं और चना—फिलहाल 20–25 दिन की अवस्था में पहुँच चुकी हैं। इस समय किसान गेहूं में पहली सिंचाई के साथ यूरिया डाल रहे हैं, वहीं सिंचित चने में भी शुरुआती सिंचाई की जा रही है। इस समय गेहूं में पीलापन और चने में सूखने (उकठा/विल्ट रोग) की समस्या आमतौर पर देखी जाने लगती है, जो पैदावार को प्रभावित कर सकती है। कृषि विशेषज्ञों ने इसके लिए विस्तृत सलाह जारी की है।

गेहूं फसल में पीलापन क्यों आता है?

गेहूं में पीलापन कई कारणों से हो सकता है, लेकिन मुख्य रूप से यह नाइट्रोजन की कमी की वजह से होता है।
नाइट्रोजन की कमी से:

  • पुरानी पत्तियाँ जल्दी पीली होने लगती हैं
  • पत्तियाँ हल्की हरी से पीली होकर ऊपर तक असर दिखाती हैं
  • पौधे की वृद्धि रुक जाती है

इसके अलावा गेहूं में आयरन की कमी, जिंक की कमी, जलभराव, और तापमान में उतार–चढ़ाव भी पीलापन बढ़ाते हैं।

गेहूं में पीलापन दूर करने के उपाय

1. नाइट्रोजन की कमी दूर करें

  • 40–50 किलो यूरिया प्रति एकड़ टॉप ड्रेसिंग
  • या 19:19:19 / 12:32:16 NPK का 2% घोल (2 किलो/100 लीटर पानी) स्प्रे करें

2. आयरन की कमी का समाधान

  • फेरस सल्फेट (FeSO4) 0.5%
  •  
    • साइट्रिक एसिड/नींबू रस 0.1% स्प्रे किया जाए

3. जिंक की कमी

  • जिंक सल्फेट 21% (25 किलो/एकड़) बुवाई के समय डालें

4. जलभराव से बचें

  • खेत में निकास व्यवस्था मजबूत रखें
  • अत्यधिक सिंचाई से बचें

गेहूं में पौष्टिकता बढ़ाने के अतिरिक्त सुझाव

विशेषज्ञों के अनुसार, बेहतर पैदावार के लिए:

  • अगली खाद में DAP की जगह 10:26:26 या 12:32:16 डालें
  • मिट्टी में जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट/गोबर) अवश्य मिलाएँ

चना फसल में सूखने की समस्या (उकठा/विल्ट रोग)

चना फसल में सूखने का मुख्य कारण उकठा या विल्ट रोग है। यह बीमारी संक्रमित मिट्टी, संक्रमित बीज और अनियमित सिंचाई के कारण तेजी से फैलती है।

उकठा/विल्ट रोग के प्रमुख लक्षण

  • पौधे अचानक मुरझाने लगते हैं
  • जड़ों के पास लाल–काली धारियाँ नज़र आती हैं
  • पौधे धीरे-धीरे सूख जाते हैं

चने में सूखने की समस्या का निदान

कृषि वैज्ञानिकों की सलाह:

1. दवा का छिड़काव

  • कार्बेंडाजिम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें

2. वैकल्पिक तरीका

  • 500 ग्राम कार्बेंडाजिम को 2–3 परात बजरी में मिलाकर
  • प्रति बीघा खेत में भुरकाव करें

इससे रोग का प्रभाव तेजी से कम होगा और फसल बचाई जा सकती है।

रबी फसलों में दीमक से बचाव

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र सिंह छौक्कर के अनुसार:

दीमक शुरुआती अवस्था में पौधों पर हमला करके उन्हें पूरी तरह सूखा देती है, और पौधे आसानी से उखड़ जाते हैं।

समाधान

  • 20 किलो मिट्टी में Chlorpyriphos 10 EC (2 लीटर) मिलाकर भुरकाव करें
  • उसके बाद तुरंत सिंचाई करें

यह उपाय दीमक नियंत्रण के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

निष्कर्ष

रबी सीजन में गेहूं और चना दोनों ही नाजुक अवस्था में हैं। पीलापन, पोषक तत्वों की कमी और रोगों का सही समय पर निदान कर किसान उत्पादन में 20–30% तक वृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिकों की इन सलाहों को समय पर अपनाने से फसल स्वस्थ रहेगी और पैदावार भी बढ़ेगी।

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