कृषि स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार का नया कदम, किसानों को होंगे ये फायदे

कृषि स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार का नया कदम, किसानों को होंगे ये फायदे

कृषि स्टार्टअप्स के लिए भारत सरकार की पहल

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Krishi Dunia
  • 09 Feb, 2024 11:30 AM IST ,
  • Updated Fri, 09 Feb 2024 12:30 PM

भारत में कृषि केवल आजीविका का स्रोत नहीं बल्कि जीवनशैली और संस्कृति का अभिन्न अंग है। इस क्षेत्र में स्टार्टअप्स के बढ़ते कदम और सरकार का उनके प्रति रुझान एक नई कृषि क्रांति का संकेत हैं। भारतीय सरकार कृषि स्टार्टअप्स को न केवल वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि तकनीकी प्रशिक्षण और परामर्श देकर उन्हें सफल बनाने के प्रयास भी कर रही है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि कैसे सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कृषि स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे रही है।

कृषि स्टार्टअप्स के लिए भारत सरकार की पहल Government of India Initiative for Agriculture Startups:

भारत सरकार कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में नवाचार और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DA&FW) द्वारा "नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास" कार्यक्रम को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के अंतर्गत 2018-19 से लागू किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर कृषि नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है।

कृषि स्टार्टअप्स के लिए नॉलेज पार्टनर और एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर Knowledge partner and agribusiness incubator for agricultural startups:

इस कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 5 नॉलेज पार्टनर (KPs) और 24 आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर्स (R-ABIs) नियुक्त किए गए हैं। इन नॉलेज पार्टनर्स और इन्क्यूबेटर्स के माध्यम से कृषि स्टार्टअप्स को प्रशिक्षण, मेंटरशिप और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। विभिन्न राज्यों में स्थित ये इन्क्यूबेशन सेंटर स्टार्टअप्स को अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को विकसित करने में सहायक हैं।

कृषि स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय सहायता Financial assistance for agricultural startups:

अब तक 1554 कृषि स्टार्टअप्स को तकनीकी और वित्तीय सहायता दी गई है, जिसमें से 387 स्टार्टअप्स महिला उद्यमियों द्वारा संचालित हैं। 2019-20 से 2023-24 के बीच विभिन्न नॉलेज पार्टनर्स और R-ABIs के माध्यम से 111.57 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। इस सहायता में विचार/प्रारंभिक चरण में 5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता और बीज चरण में 25 लाख रुपये तक की सहायता शामिल है, जो स्टार्टअप्स को अपने उत्पादों और सेवाओं को बाजार में लाने में सहायक होती है।

राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों द्वारा स्टार्टअप्स को बढ़ावा: भारत सरकार ने कृषि स्टार्टअप्स को विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से जोड़ने के लिए कई राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम जैसे कृषि स्टार्टअप कॉन्क्लेव, कृषि मेला, प्रदर्शनी, वेबिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया है। इससे स्टार्टअप्स को अपने उत्पादों और सेवाओं को विस्तार देने का मौका मिलता है।

कृषि अवसंरचना फंड योजना: 2020-21 से कृषि अवसंरचना फंड योजना को भी लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन और सामुदायिक कृषि संपत्तियों में निवेश के लिए मध्यम और दीर्घकालिक ऋण सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को ब्याज सहायता और क्रेडिट गारंटी के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है। इसमें किसानों और कृषि उद्यमियों सहित 1284 स्टार्टअप्स को 1248 करोड़ रुपये का ऋण समर्थन प्रदान किया गया है।

प्रमुख नॉलेज पार्टनर्स और एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर्स:

1 राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (MANAGE), हैदराबाद: कृषि नवाचार और प्रबंधन में प्रमुख संस्थान
2 राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (NIAM), जयपुर, राजस्थान: कृषि विपणन में प्रमुख केंद्र
3 भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा, नई दिल्ली: कृषि शोध में प्रमुख केंद्र
4 कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़, कर्नाटक
5 असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट, असम

निष्कर्ष: भारत सरकार का यह प्रयास कृषि क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार की पहल से न केवल कृषि में नए विचारों को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि किसानों और उद्यमियों को उनके व्यवसाय को बढ़ाने का एक सशक्त मंच भी मिलता है। इस दिशा में सरकार की योजनाएं और वित्तीय सहायता, कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए कारगर साबित हो रही हैं।

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