अक्टूबर में करें लहसुन की बुवाई, इन 8 उन्नत किस्मों से होगी 200 क्विंटल तक की शानदार पैदावार

अक्टूबर में करें लहसुन की बुवाई, इन 8 उन्नत किस्मों से होगी 200 क्विंटल तक की शानदार पैदावार

लहसुन की खेती

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कृषि दुनिया
  • 23 Oct, 2025 03:01 PM IST ,
  • Updated Thu, 23 Oct 2025 04:01 PM

लहसुन किसानों के लिए एक बेहद लाभदायक फसल मानी जाती है। खास बात यह है कि अक्टूबर का महीना लहसुन की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है। इस दौरान न तो ज्यादा ठंड होती है और न ही गर्मी, जिससे कंदों का विकास तेजी से होता है। अगर किसान इस समय सही किस्मों की बुवाई करें, तो वे प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं।

क्यों करें अक्टूबर में बुवाई?

विशेषज्ञों के अनुसार, लहसुन की बुवाई के लिए ऐसा मौसम चाहिए जिसमें नमी और ठंड का संतुलन बना रहे। अक्टूबर में यही परिस्थितियां बनती हैं। इस समय बोई गई फसल की गांठें मजबूत और आकार में बड़ी बनती हैं, जिससे उत्पादन बढ़ जाता है।

ये हैं लहसुन की 8 उन्नत और ज्यादा उपज देने वाली किस्में

1. टाइप 56-4 (Type 56-4)

इस उन्नत किस्म को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित किया है। इसकी गांठें सफेद और आकार में छोटी होती हैं। एक गांठ में 25 से 34 कलियां पाई जाती हैं। किसान इससे 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं।

2. को.2 (Co.2)

यह किस्म तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई है। इसकी गांठें सफेद होती हैं और यह रोगों के प्रति सहनशील मानी जाती है। इससे किसानों को अच्छी और स्थिर पैदावार मिलती है

3. आईसी 49381 (IC 49381)

भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र (ICAR) द्वारा विकसित यह किस्म 160 से 180 दिनों में पक जाती है। यह किस्म अधिक उपज और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन देने के लिए प्रसिद्ध है

4. सोलन (Solan)

हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय ने इस किस्म को विकसित किया है। इसके पौधों की पत्तियां चौड़ी और गहरे हरे रंग की होती हैं। इसकी प्रत्येक गांठ में लगभग 4 बड़ी और मोटी पुत्तियां होती हैं। यह अन्य किस्मों की तुलना में अधिक उत्पादन देने के लिए जानी जाती है।

5. एग्री फाउंड व्हाइट (Agri Found White - 41G)

यह किस्म अखिल भारतीय समन्वित सब्जी सुधार परियोजना के अंतर्गत महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में खेती के लिए संस्तुत है। इसकी फसल 150 से 160 दिनों में तैयार होती है और इससे 130 से 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन मिलता है।

6. यमुना सफेद (G-1)

यह किस्म पूरे भारत में उगाई जा सकती है और इसे अखिल भारतीय सब्जी सुधार परियोजना द्वारा देशभर के लिए संस्तुति दी गई है। यह 150 से 160 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर 150 से 175 क्विंटल तक उपज देती है।

7. यमुना सफेद-2 (G-50)

यह किस्म झुलसा और बैंगनी धब्बा रोग के प्रति प्रतिरोधक है। मध्य प्रदेश के किसानों के लिए यह एक बेहतर विकल्प है। इसकी फसल 160 से 170 दिनों में तैयार होती है और इससे 150 से 155 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त होता है।

8. जी-282 (G-282)

इस किस्म की गांठें बड़ी और सफेद रंग की होती हैं। यह जल्दी तैयार होने वाली किस्म है, जो 140 से 150 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इससे किसान प्रति हेक्टेयर 175 से 200 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं।

किसानों के लिए फायदे

लहसुन की इन उन्नत किस्मों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये रोग प्रतिरोधक होती हैं और जलवायु परिवर्तन को झेलने में सक्षम हैं। इनसे उत्पादन अधिक और गुणवत्ता बेहतर मिलती है, जिससे मंडी में ऊंचे दाम मिलते हैं।

निष्कर्ष

अक्टूबर में अगर किसान सही किस्म का चयन करके बुवाई करें, तो लहसुन की खेती से शानदार मुनाफा कमा सकते हैं। कम लागत और उच्च उत्पादन के कारण यह फसल किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो रही है।

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