अगर आप खेती के साथ ऐसा बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं जिसमें कम लागत, कम जोखिम और माहों-महीनों तक लगातार मुनाफा मिलता रहे—तो यह खबर आपके लिए ही है। बिहार सरकार ने किसानों और युवा उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर जारी किया है। अब आप सिर्फ एक बार निवेश करके अपनी खुद की तेल पेराई मिल (Oil Expeller Unit) शुरू कर सकते हैं, और सरकार इस पर ₹3.50 लाख तक की सब्सिडी सीधे आपके खाते में भेजेगी।
यह सिर्फ एक सब्सिडी नहीं, बल्कि गांव-गांव में तिलहन प्रसंस्करण को बढ़ावा देने, किसानों की आमदनी बढ़ाने और युवाओं को रोजगार देने का बड़ा कदम है। अगर आप सरसों, मूंगफली, सूरजमुखी या तिल जैसी फसलों की प्रोसेसिंग करके अच्छी कमाई करना चाहते हैं—तो यह आपके जीवन का सबसे बड़ा अवसर साबित हो सकता है।
अब जानते हैं—कौन ले सकता है इसका लाभ, कितना मुनाफा मिलेगा और आवेदन कैसे करें…
कृषि विभाग के अनुसार, यदि कोई किसान या संस्था 10 टन क्षमता वाली तेल पेराई मिल लगाती है, तो सरकार द्वारा यूनिट लागत 9,90,000 रुपये पर 33% सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस प्रकार लगभग 3.50 लाख रुपये का अनुदान सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT के माध्यम से भेजा जाएगा।
सरकार का स्पष्ट कहना है कि यह सब्सिडी सिर्फ मशीनरी और प्रोसेसिंग यूनिट पर लागू होगी। भवन निर्माण, जमीन खरीद या शेड बनाने पर कोई अनुदान नहीं मिलेगा।
यह योजना केवल व्यक्तिगत किसानों के लिए नहीं है, बल्कि कई प्रकार की संस्थाएं आवेदन कर सकती हैं। पात्र आवेदकों में शामिल हैं—
इन सभी को अपने प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी और आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने होंगे।
तेल पेराई मिल ऐसा व्यवसाय है जिसमें स्थायी आय की संभावनाएं अधिक होती हैं। सरसों, सूरजमुखी, तिल, अलसी और मूंगफली जैसे तिलहन से आसानी से तेल और खली (Oil Cake) तैयार किया जा सकता है। तेल और खली दोनों का बाजार बड़ा और स्थिर रहता है।
10 टन क्षमता वाली मिल रोज़ाना अच्छी मात्रा में उत्पादन कर सकती है, जिससे किसान स्थानीय बाजार, मंडियों और दुकानों तक सप्लाई कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, एक यूनिट से महीने में 40–60 हजार रुपये तक की कमाई आराम से संभव है।
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