दिवाली से पहले किसानों को बड़ा झटका, 11 दिन बंद रहेंगी प्याज मंडियां – कीमतों पर फिर संकट

दिवाली से पहले किसानों को बड़ा झटका, 11 दिन बंद रहेंगी प्याज मंडियां – कीमतों पर फिर संकट
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कृषि दुनिया
  • 18 Oct, 2025 12:02 PM IST ,
  • Updated Sat, 18 Oct 2025 03:33 PM

महाराष्ट्र के प्याज किसानों के लिए दिवाली से पहले मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। राज्य की कई प्रमुख मंडियों ने 11 दिनों के लिए कारोबार बंद रखने का फैसला किया है। इस फैसले से किसानों में नाराजगी फैल गई है क्योंकि पहले से ही प्याज की कीमतें काफी नीचे चल रही हैं।

किसान संघ ने जताया विरोध

महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले ने इस निर्णय को किसानों के साथ अन्याय बताया है।
उन्होंने कहा –

“किसान पूरे साल मेहनत करता है, और जब अपनी उपज बेचने मंडी आता है, तो उसके सामने गेट बंद कर दिए जाते हैं। यह परंपरा अब खत्म होनी चाहिए। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।”

दिघोले ने कहा कि मंडी समितियां किसानों के पैसों और मेहनत से चलती हैं, इसलिए लंबे समय तक नीलामी बंद रखना अनुचित है। उनके अनुसार, त्योहारों के कुछ दिन बंद रखना समझदारी है, लेकिन 11 दिन का अवकाश किसानों के साथ अन्याय है।

 किसानों पर दोहरी मार

वर्तमान में प्याज की कीमतें पहले से ही गिरावट में हैं। कई मंडियों में प्याज ₹400 से ₹1,480 प्रति क्विंटल के बीच बिक रही है। ऐसे में 11 दिन की बंदी के बाद जब मंडियां दोबारा खुलेंगी, तो प्याज की आवक अचानक बढ़ेगी और भाव और नीचे जाने की संभावना है।

किसानों का कहना है कि भंडारण पहले ही मुश्किल हो गया है और अब बिक्री रुकने से नुकसान और बढ़ जाएगा।

 लासलगांव मंडी की स्थिति (18 अक्टूबर 2025)

  • कुल आवक: 17,222 क्विंटल
  • ग्रीष्मकालीन प्याज नीलामी: 1,169 बैच
  • लाल प्याज नीलामी: शून्य

प्याज भाव (रु./क्विंटल):

  • न्यूनतम – ₹400
  • अधिकतम – ₹1,480
  • औसत – ₹1,075

अन्य प्रमुख फसलों के भाव

  • सोयाबीन: ₹2,400 – ₹4,251
  • गेहूं: ₹2,500 – ₹2,880
  • मूंग: ₹4,000 – ₹10,000
  • मक्का: ₹800 – ₹2,000
  • उड़द: ₹3,000 – ₹6,001

 किसान संगठनों की मांग

किसान नेताओं ने राज्य सरकार से अपील की है कि मंडी समितियों को किसानों के हित में काम करने के लिए निर्देशित किया जाए और अनावश्यक अवकाश पर रोक लगाई जाए।
भरत दिघोले ने कहा कि सरकार अगर चाह ले, तो मंडियां दिवाली के मुख्य दिन छोड़कर बाकी समय चालू रख सकती हैं, ताकि किसानों को नुकसान न झेलना पड़े।

 निष्कर्ष

जहां एक ओर किसान पहले से ही प्याज के गिरते दामों से परेशान हैं, वहीं अब मंडियों की लंबी बंदी ने उनकी चिंताएं और बढ़ा दी हैं। अगर समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो दिवाली के बाद प्याज के दाम और नीचे जा सकते हैं — जिससे किसानों की आमदनी पर गहरा असर पड़ेगा।

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