किसानों को फसल कटाई के मौसम में अक्सर मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ता है। इससे कटाई में देरी, लागत बढ़ना और नुकसान जैसी समस्याएँ सामने आती हैं। यही कारण है कि आज किसान तेजी से कृषि मशीनरी की ओर बढ़ रहे हैं। हार्वेस्टर की मांग अधिक और उपलब्धता कम होने की वजह से किसानों के लिए समय पर कटाई कर पाना मुश्किल हो जाता है।
ऐसे में स्वचलित वर्टिकल कन्वेयर रीपर (Self Propelled Conveyor Reaper) किसानों के लिए एक किफायती, हल्का और आसान विकल्प बनकर सामने आया है। यह मशीन गेहूँ, धान, तिलहन जैसी फसलों की कटाई को काफी सरल बना देती है और समय की भी बचत करती है।
यह एक इंजन से चलने वाला रीपर है, जिसे किसान बिना किसी ट्रैक्टर के खुद चलाते हैं। यानी यह मशीन सेल्फ प्रोपेल्ड होती है। इसमें—
जैसे महत्वपूर्ण पार्ट लगे होते हैं। इंजन की पावर बेल्ट-पुली सिस्टम से कटर बार और कन्वेयर बेल्ट तक पहुँचाई जाती है।
यह मशीन फसल को काटकर खड़ी अवस्था में एक तरफ गिराती है, जिससे फसल बिखरती नहीं और बाद में गट्ठे बनाना आसान हो जाता है। कटाई तेज होती है और मजदूरों पर निर्भरता घटती है।
| फीचर | विवरण |
|---|---|
| लंबाई | लगभग 2570 मिमी |
| चौड़ाई | लगभग 1850 मिमी |
| ऊँचाई | लगभग 1250 मिमी |
| वजन | 85–145 किलोग्राम |
| फसल डिवाइडर | 4 से 6 |
| ब्लेड | दांतेदार V-शेप कटर बार |
| इंजन | डीजल संचालित |
| कटाई क्षमता | 0.20–0.40 हेक्टेयर/घंटा |
इस मशीन की हल्की बनावट इसे छोटे और बड़े दोनों खेतों के लिए उपयुक्त बनाती है।
केंद्र सरकार SMAM (Sub Mission on Agricultural Mechanization) के अंतर्गत इस मशीन पर अनुदान देती है।
किसान अपने जिले या ब्लॉक के कृषि विभाग से आवेदन कर सकते हैं।
कंपनी और मॉडल के आधार पर इसकी कीमत—
₹80,000 से ₹1,30,000
के बीच होती है।
सरकारी योजना में चयन होने पर किसानों को सब्सिडी का लाभ सीधे DBT के माध्यम से प्रदान किया जाता है।
यदि किसान यह मशीन योजना के अंतर्गत खरीदना चाहते हैं तो—
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