किसान भाइयों, अगर आप भी इस साल एमएसपी पर कपास बेचने की तैयारी कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने कपास की एमएसपी खरीद को लेकर नियम सख्त कर दिए हैं और अब बिना रजिस्ट्रेशन एक दाना कपास भी एमएसपी पर नहीं बिकेगा। कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) ने साफ कर दिया है कि 31 दिसंबर से पहले “Kapas Farmers” ऐप पर पंजीकरण अनिवार्य है।
खुले बाजार में गिरते दाम, इंपोर्ट ड्यूटी हटने का असर और एमएसपी पर भरोसा—इन सबके बीच किसान तेजी से रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। सवाल यह है कि रजिस्ट्रेशन कैसे करें, आखिरी तारीख क्या है और अगर चूक गए तो क्या नुकसान होगा? इस रिपोर्ट में आपको मिलेगा हर सवाल का सीधा और आसान जवाब, ताकि आप सही समय पर सही फैसला ले सकें।
हाल ही में अमेरिका के साथ टैरिफ तनाव के बाद भारत सरकार द्वारा कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने से घरेलू बाजार में कीमतों पर दबाव पड़ा है। खुले बाजार में रेट गिरने के बाद किसानों के पास एमएसपी ही सबसे सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है। इस वर्ष लॉन्ग स्टेपल कपास का एमएसपी 8,110 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। वहीं, 31 दिसंबर तक इंपोर्ट टैरिफ हटे रहने से बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है।
एमएसपी बिक्री के लिए देशभर में रजिस्ट्रेशन की रफ्तार तेज हो गई है। CCI अधिकारियों के अनुसार, हर दिन करीब 50 हजार नए किसान ऐप के जरिए पंजीकरण कर रहे हैं। हालांकि किसान संगठनों का कहना है कि कुछ क्षेत्रों, खासकर विदर्भ जैसे इलाकों में वास्तविक कपास उत्पादक किसानों की संख्या रजिस्ट्रेशन आंकड़ों से कहीं अधिक है। इसके बावजूद ऐप-बेस्ड सिस्टम को किसान धीरे-धीरे अपना रहे हैं।
CCI द्वारा कपास खरीद बढ़ाने का असर प्राइवेट बाजारों में भी देखने को मिला है। जहां शुरुआत में कपास के भाव 6,800 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए थे, वहीं अब कई मंडियों में कीमतें 7,400 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गई हैं। पहले निजी व्यापारी अक्सर ग्रेड के नाम पर किसानों को कम दाम देते थे, लेकिन एमएसपी विकल्प उपलब्ध होने से किसानों की सौदेबाजी की स्थिति मजबूत हुई है। CCI अब तक महाराष्ट्र में लगभग 5 लाख बेल और देशभर में 27 लाख बेल कपास की खरीद कर चुकी है।
कपास उत्पादक क्षेत्रों में इस साल पैदावार कम रहने का अनुमान है, जिससे कीमतों में और सुधार की संभावना जताई जा रही है। यवतमाल जिले के वानी क्षेत्र के एपीएमसी डायरेक्टर रोशन कोठारी के अनुसार, यदि बाजार भाव 8,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचते हैं, तो किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
एमएसपी पर कपास बेचने के लिए CCI का “Kapas Farmers” ऐप अब मुख्य माध्यम बन गया है। किसान सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में Google Play Store या App Store से यह ऐप डाउनलोड करें। ऐप खोलने के बाद “Farmer Registration” विकल्प चुनें और आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के जरिए रजिस्ट्रेशन शुरू करें। इसके बाद व्यक्तिगत जानकारी, जमीन और फसल से जुड़ा विवरण भरना होता है। सभी विवरण सबमिट करने के बाद स्थानीय APMC या कृषि विभाग द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाता है। वेरिफिकेशन पूरा होने पर किसान ऐप के जरिए नजदीकी CCI खरीद केंद्र पर स्लॉट बुक कर सकते हैं।
एमएसपी पर कपास बिक्री के लिए ऐप रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन दोनों अनिवार्य हैं। 31 दिसंबर 2025 अंतिम तारीख तय की गई है, इसलिए किसानों को समय रहते पंजीकरण पूरा कर लेना चाहिए। बिना रजिस्ट्रेशन एमएसपी का लाभ नहीं मिलेगा, इसलिए सभी जरूरी दस्तावेज और सही जानकारी के साथ आवेदन करना बेहद जरूरी है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
प्रश्न: क्या बिना रजिस्ट्रेशन एमएसपी पर कपास बेची जा सकती है?
उत्तर: नहीं, एमएसपी पर बिक्री के लिए “Kapas Farmers” ऐप पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
प्रश्न: कपास का एमएसपी इस साल कितना है?
उत्तर: लॉन्ग स्टेपल कपास का एमएसपी 8,110 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
प्रश्न: रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख क्या है?
उत्तर: कपास एमएसपी बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 है।
प्रश्न: रजिस्ट्रेशन के बाद क्या प्रक्रिया होती है?
उत्तर: रजिस्ट्रेशन के बाद स्थानीय स्तर पर फिजिकल वेरिफिकेशन होता है, फिर किसान खरीद केंद्र पर स्लॉट बुक कर सकते हैं।
प्रश्न: क्या प्राइवेट बाजार से बेहतर दाम मिल सकता है?
उत्तर: बाजार भाव में उतार-चढ़ाव रहता है, लेकिन एमएसपी किसानों के लिए सुरक्षित न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करता है।
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