अब असली और नकली बीजों की पहचान हो जाएगी सिर्फ एक क्लिक में, जानिए कैसे

अब असली और नकली बीजों की पहचान हो जाएगी सिर्फ एक क्लिक में, जानिए कैसे

फर्जी बीजों से सावधान

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कृषि दुनिया
  • 13 Feb, 2025 12:31 PM IST ,
  • Updated Thu, 13 Feb 2025 03:27 PM

किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है! अब बीज की प्रमाणिकता जांचने के लिए किसी प्रयोगशाला या विशेषज्ञ की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ एक क्लिक में किसान यह जान सकेंगे कि उनका बीज असली है या नकली। राज्य सरकार ने बीज प्रमाणीकरण प्रक्रिया में क्यूआर कोड और डिजिटल ट्रेसबिलिटी को शामिल किया है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलेंगे।

बीज प्रमाणीकरण क्यों है जरूरी?

राज्य के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना के अनुसार, बीज प्रमाणीकरण संस्था की स्थापना बीज अधिनियम 1966 के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित बीज उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी फसल उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके।

बीते वर्ष प्रदेश में बड़े पैमाने पर बीज प्रमाणीकरण किया गया:

  • खरीफ 2024: 1.24 लाख हेक्टेयर में प्रमाणन, 15 लाख क्विंटल बीज प्रमाणित।
  • रबी 2024: 1.07 लाख हेक्टेयर में प्रमाणन, 21.86 लाख क्विंटल बीज प्रमाणित।
  • ग्रीष्म 2024: 9,021 हेक्टेयर में प्रमाणन, 85 हजार क्विंटल बीज प्रमाणित।

कैसे करें असली और नकली बीज की पहचान?

अब किसान बीज खरीदने से पहले उसके असली या नकली होने की जांच कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने 2डी क्यूआर कोड सिस्टम लागू किया है।

बीज की गुणवत्ता जांचने के लिए करें यह काम:

  • बीज पैकेट पर दिए गए क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करें।
  • स्क्रीन पर बीज से जुड़ी सभी जानकारियां खुल जाएंगी।
  • इसमें फसल का प्रकार, बीज की किस्म, लॉट क्रमांक, पैकिंग साइज़, अंकुरण क्षमता और भौतिक शुद्धता जैसी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
  • इससे यह भी पता चलेगा कि बीज की प्रमाणिकता को किस अधिकारी ने सत्यापित किया है।

साथी पोर्टल से मिलेगी ट्रेसबिलिटी सुविधा:

किसानों के लिए सरकार ने "साथी पोर्टल" (Seed Traceability Portal) लॉन्च किया है। इस पोर्टल के जरिए किसान बीज उत्पादन कार्यक्रम और उसकी ट्रेसबिलिटी से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

इस पोर्टल के माध्यम से किसान यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके द्वारा खरीदे गए बीज प्रमाणित और गुणवत्ता युक्त हैं या नहीं। यह पहल किसानों को धोखाधड़ी से बचाने और उन्हें उच्च गुणवत्ता के बीज देने की दिशा में बड़ा कदम है।

प्रमाणिक बीज क्यों हैं महत्वपूर्ण?

गुणवत्तायुक्त बीजों का उपयोग करने से किसानों को कई लाभ मिलते हैं।

  • अच्छी गुणवत्ता के बीज से फसल उत्पादन बढ़ता है, लागत घटती है और किसानों को अधिक लाभ होता है।
  • नकली बीजों के कारण फसल खराब होने का खतरा भी कम हो जाता है।

बीज की गुणवत्ता में सुधार होने से देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होती है और कृषि क्षेत्र अधिक आत्मनिर्भर बनता है। हालांकि, यह देखना जरूरी होगा कि यह प्रक्रिया जमीनी स्तर पर किसानों के लिए कितनी प्रभावी साबित होती है।

अब किसान नहीं होंगे ठगी का शिकार!

अब हर किसान सिर्फ एक क्लिक में अपने बीज की प्रमाणिकता जांच सकता है। क्यूआर कोड और साथी पोर्टल जैसी नई तकनीकों से नकली बीजों का कारोबार खत्म करने में मदद मिलेगी। सरकार की यह पहल कृषि क्षेत्र को और अधिक पारदर्शी और किसान-हितैषी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

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