रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसान अब गेहूं की बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं। इस समय अधिक पैदावार और बढ़िया मुनाफा देने वाली उन्नत किस्मों की खोज भी तेजी से हो रही है। लेकिन अब किसानों को बीज की क्वालिटी को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) ने किसानों के लिए गेहूं की एक बेहतरीन वैरायटी उपलब्ध कराई है, जिसे खरीदकर किसान बंपर उपज हासिल कर सकते हैं।
करण वैष्णवी (DBW-303) गेहूं की एक उच्च उपज देने वाली और रोग प्रतिरोधी किस्म है। इसे साल 2021 में अधिसूचित किया गया था और यह कम पानी तथा देरी से बुवाई वाले इलाकों में भी बेहतर परिणाम देती है।
इस किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह औसतन 81 से 93 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देती है। इसके पौधे मजबूत और बालियां भरी होती हैं, जिससे उत्पादन में निरंतरता बनी रहती है।
यह फसल बुवाई के करीब 145 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, यानी जल्दी तैयार होने वाली वैरायटी होने के कारण यह अन्य फसलों के साथ रोटेशन में भी आसानी से ली जा सकती है।
राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर इस किस्म का 20 किलो का पैकेट इस समय 20% छूट के साथ मात्र ₹1200 में उपलब्ध है। किसान चाहे तो इसे ऑनलाइन भुगतान के जरिए खरीद सकते हैं। यह एक सरकारी प्रमाणित बीज है, इसलिए किसानों को नकली या कमजोर क्वालिटी के बीज की चिंता नहीं करनी होगी।
राष्ट्रीय बीज निगम ने किसानों की सुविधा को देखते हुए गेहूं की ‘करण वैष्णवी’ किस्म (DBW-303) का बीज अपने ऑनलाइन पोर्टल पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है। किसान इसे सीधे निगम की आधिकारिक वेबसाइट www.indiaseeds.com से ऑर्डर कर सकते हैं।
किसान चाहें तो इसे ऑनलाइन मंगवाकर घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल उन किसानों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो प्रमाणित बीज खरीदकर अपनी फसल की गुणवत्ता और उपज को बढ़ाना चाहते हैं।
खेती की शुरुआत करने से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बना लें। बीज बोने से पहले उसे कार्बेंडाजिम 50% W जैसे फफूंदनाशी से उपचारित करें ताकि बीमारियों से बचाव हो सके।
बुवाई के लिए खेत को समतल कर लें और उसमें जैविक खाद (गोबर की सड़ी खाद) या डीएपी, यूरिया और पोटाश जैसी संतुलित मात्रा में उर्वरक डालें।
बीज और खाद को बीज-खाद ड्रिल मशीन की मदद से 4 से 6 सेंटीमीटर गहराई तक समान रूप से बोएं। फसल के विकास के दौरान 3 से 4 सिंचाई जरूर करें — पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद और दूसरी बालियां निकलने के समय।
अगर किसान इस रबी सीजन में गेहूं की खेती से अधिक उत्पादन और मुनाफा चाहते हैं, तो करण वैष्णवी (DBW-303) किस्म एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। यह न केवल उच्च पैदावार देती है, बल्कि रोगों और सूखे की स्थिति में भी बेहतर प्रदर्शन करती है। राष्ट्रीय बीज निगम से प्रमाणित बीज खरीदकर किसान भरोसेमंद तरीके से अपनी खेती को लाभकारी बना सकते हैं।
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