छत या गार्डन में उगाएं केमिकल फ्री लौकी – जानें बुआई से कटाई तक का तरीका!
छत या गार्डन में उगाएं केमिकल फ्री लौकी – जानें बुआई से कटाई तक का तरीका!
लौकी
कृषि दुनिया
03 Feb, 2025 10:10 AM IST ,
Updated Mon, 03 Feb 2025 04:43 PM
आजकल बाजार में मिलने वाली सब्जियों में केमिकल और पेस्टीसाइड्स का अधिक इस्तेमाल होता है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन यदि आप घर पर लौकी उगाते हैं, तो यह 100% जैविक होगी और इसे ताजा-ताजा तोड़कर खाने का आनंद ही अलग होगा। लौकी की खेती में कम मेहनत लगती है और यह अच्छी पैदावार भी देती है।
लौकी उगाने का सही समय:
लौकी को गर्म और नमी वाली जलवायु में अच्छी पैदावार मिलती है। इसकी बुआई का सही समय फरवरी से जून के बीच होता है। यदि आप फरवरी-मार्च में बीज बोते हैं, तो अप्रैल से ताजी लौकी मिलने लगेगी।
बीज का चयन और बुआई की प्रक्रिया:
✅ गुणवत्ता वाले जैविक बीज खरीदें, ताकि पौधे स्वस्थ रहें। ✅ बीजों को 8-10 घंटे पानी में भिगोकर रखें, जिससे अंकुरण जल्दी होगा। ✅ बीजों को छोटे गमले, ट्रे या कोकोपीट में लगाएं और हल्की नमी बनाए रखें। ✅ 7-10 दिनों में अंकुरण होने के बाद छोटे पौधे दिखने लगेंगे।
लौकी के पौधे को सही वातावरण देना:
लौकी को 6-8 घंटे धूप की जरूरत होती है, इसलिए इसे ऐसी जगह लगाएं जहां अच्छी धूप मिले।
गमले में उगाने के लिए 30-40 लीटर क्षमता वाला ग्रो बैग या गमला सही रहेगा, जिससे बेल को फैलने की पर्याप्त जगह मिल सके।
मिट्टी में जैविक खाद जैसे – गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट, किचन वेस्ट खाद मिलाएं ताकि मिट्टी उपजाऊ बनी रहे।
पौधे की देखभाल कैसे करें?
गर्मियों में लौकी के पौधे को दिन में दो बार (सुबह और शाम) पानी देना सही रहेगा।
ध्यान रखें कि मिट्टी में जलभराव न हो, क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं।
हर 15-20 दिनों में जैविक खाद (गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, सरसों की खली) डालें।
लौकी की बेल लंबी होती है, इसलिए इसे बांस, तार या ट्रेलिस का सहारा देना जरूरी है।
यदि बेल को सही सहारा नहीं दिया गया, तो पौधा कमजोर हो सकता है और फल नहीं लगेगा।
लौकी की कटाई और उपयोग:
बीज बोने के 50-60 दिन बाद लौकी तोड़ी जा सकती है।
जब लौकी हल्की हरी और छिलका मुलायम हो, तभी तोड़ें।
ज्यादा पक जाने पर बीज सख्त हो जाते हैं और स्वाद में बदलाव आ जाता है।
घर पर उगाई गई लौकी के फायदे:
100% जैविक – इसमें किसी भी तरह के केमिकल या पेस्टीसाइड का उपयोग नहीं होता।
फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर – यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होती है।
छोटी जगह में उगाएं – यदि आपके पास जमीन नहीं है, तो गमले या ग्रो बैग में भी लौकी उगा सकते हैं।
एक बार बीज बोने के बाद पूरा सीजन भर आपको ताजी लौकी मिलती रहेगी, जिससे बाजार से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
तो देर किस बात की? आज ही लौकी के बीज लगाएं और घर पर ताजी, केमिकल फ्री लौकी का आनंद लें!