किसानों के लिए खुशखबरी: डीएपी खाद पुराने रेट पर मिलेगी, केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला

किसानों के लिए खुशखबरी: डीएपी खाद पुराने रेट पर मिलेगी, केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला

डीएपी खाद

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कृषि दुनिया
  • 02 Jan, 2025 11:30 AM IST ,
  • Updated Thu, 02 Jan 2025 12:30 PM

नया साल 2025 किसानों के लिए कई सौगातें लेकर आया है। केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। इनमें से सबसे अहम फैसला यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ने के बावजूद डीएपी खाद पुरानी दरों पर ही उपलब्ध होगी।

डीएपी खाद पर सब्सिडी का ऐलान Announcement of subsidy on DAP fertilizer:

केंद्रीय कैबिनेट ने डीएपी खाद बनाने वाली कंपनियों को ₹3850 करोड़ की सब्सिडी देने की मंजूरी दी है। इससे किसानों को 50 किलो की डीएपी खाद की बोरी पहले की तरह ₹1350 में ही मिलेगी।

डीएपी और अन्य उर्वरकों के बढ़ने वाले थे दाम Prices of DAP and other fertilizers were about to increase:

1 जनवरी 2025 से डीएपी और अन्य उर्वरकों की कीमतों में बढ़ोतरी की योजना थी। उदाहरण के लिए:

  • डीएपी खाद: 50 किलो की बोरी ₹1350 से बढ़कर ₹1590 होनी थी।
  • टीएसपी (46%): 50 किलो की बोरी ₹1300 से बढ़कर ₹1350 तक होने वाली थी। हालांकि, सरकार ने किसानों पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए इस बढ़ोतरी को रोक दिया है।

यूरिया पर सबसे अधिक सब्सिडी Highest subsidy on urea:

सरकार यूरिया खाद पर भी भारी सब्सिडी देती है। 45 किलो की एक बोरी, जिसकी असली कीमत ₹2236.37 है, किसानों को केवल ₹266.50 में उपलब्ध कराई जाती है। इस पर सरकार ₹1969.87 की सब्सिडी देती है।

एनपीके उर्वरक की कीमतों का अपडेट:

एनपीके खाद की कीमतों को लेकर अभी कोई नया निर्णय नहीं लिया गया है। पहले यह तय हुआ था कि:

  • एनपीके 10-26-26: 50 किलो की बोरी ₹1470 से बढ़कर ₹1725 हो जाएगी।
  • एनपीके 12-32-16: 50 किलो की बोरी ₹1470 से ₹1725 तक हो जाएगी। सरकार इस पर सब्सिडी बढ़ाएगी या नहीं, इसका फैसला बाद में लिया जाएगा।

फसल बीमा योजना का विस्तार:

किसानों के लिए फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक बढ़ाने की मंजूरी दी गई है।

  • फसल बीमा बजट बढ़ाकर ₹69516 करोड़ किया गया है।
  • किसानों को फसल बीमा न कराने पर पेनल्टी नहीं लगेगी।

कृषि में तकनीकी सुधार:

सरकार ने कृषि में तकनीकी सुधार के लिए ₹824.77 करोड़ का बजट पास किया है। इसके तहत।

  • ब्लॉक स्तर पर ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम (AWS)
  • पंचायत स्तर पर ऑटोमेटिक रेन गेज (ARG) लगाए जाएंगे।

निष्कर्ष: केंद्र सरकार के इन फैसलों से न केवल किसानों का आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि फसल उत्पादन में भी वृद्धि होगी। यह कदम भारतीय कृषि को सशक्त और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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