पीली जुकिनी उगाकर करें लाखों की कमाई, जानें बाजार मांग और खेती की तकनीक

पीली जुकिनी उगाकर करें लाखों की कमाई, जानें बाजार मांग और खेती की तकनीक

पीली जुकिनी की खेती

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कृषि दुनिया
  • 22 Feb, 2025 01:11 PM IST ,
  • Updated Thu, 27 Feb 2025 12:42 PM

खेती-किसानी के क्षेत्र में लगातार नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिससे किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकें। भारत में पारंपरिक फसलों की तुलना में अब कई किसान कम लागत, कम समय और अधिक मुनाफे वाली फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसी ही एक फसल है पीली जुकिनी, जो कद्दू वर्गीय सब्जियों में आती है। यह फसल बड़े होटलों, सुपरमार्केट और रेस्टोरेंट्स में तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

पीली जुकिनी की सबसे खास बात यह है कि यह सिर्फ 60 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी खेती में ज्यादा मेहनत या लागत की जरूरत नहीं होती। साथ ही, इसे जंगली जानवरों से कोई खतरा नहीं रहता, जिससे किसानों को नुकसान होने की संभावना भी बहुत कम हो जाती है। इसी कारण कई किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर पीली जुकिनी जैसी उच्च-मूल्य वाली फसलों की खेती करने लगे हैं और इससे शानदार मुनाफा कमा रहे हैं।

बाराबंकी के किसान पीली जुकिनी से कर रहे शानदार कमाई:

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के सफीपुर गांव के प्रगतिशील किसान प्रमोद वर्मा पिछले कई वर्षों से पीली जुकिनी की खेती कर रहे हैं और इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं। उन्होंने पहले पारंपरिक फसलों की खेती की, लेकिन जब उन्होंने सब्जियों की खेती शुरू की, तो उन्हें बेहतर लाभ मिला।

इस समय प्रमोद वर्मा करीब दो बीघे में पीली जुकिनी उगा रहे हैं। उनके अनुसार, इस फसल की लागत प्रति बीघा मात्र 8 से 10 हजार रुपये आती है, जबकि सही देखभाल और सही बाजार मिलने पर एक फसल से 70 से 80 हजार रुपये तक का मुनाफा कमाया जा सकता है

वे बताते हैं कि पीली जुकिनी की खासियत यह है कि यह आम बाजारों में आसानी से नहीं मिलती, बल्कि इसकी मांग विशेष रूप से बड़े होटलों, रेस्टोरेंट्स और सुपरमार्केट में अधिक रहती है। इसकी कीमत भी कद्दू जैसी आम सब्जियों से ज्यादा होती है, क्योंकि इसका उपयोग केवल सब्जियों में ही नहीं, बल्कि कई खास व्यंजनों में भी किया जाता है

पीली जुकिनी की खेती के फायदे:

  1. कम लागत, ज्यादा मुनाफा – इसकी खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता, लेकिन बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है।
  2. तेजी से बढ़ने वाली फसल – यह केवल 60 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे किसान एक ही मौसम में कई बार इसकी खेती कर सकते हैं।
  3. बढ़ती मांग – बड़े रेस्टोरेंट्स, होटल और सुपरमार्केट में इसकी लगातार बढ़ती मांग से इसकी कीमतें स्थिर बनी रहती हैं।
  4. जंगली जानवरों से सुरक्षित – कई फसलों को जंगली जानवर नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन पीली जुकिनी की फसल को ऐसा कोई खतरा नहीं रहता।
  5. मल्चिंग तकनीक से बेहतर उत्पादन – प्रमोद वर्मा बताते हैं कि वे मल्चिंग विधि से इसकी खेती करते हैं, जिससे उत्पादन बढ़ता है और मिट्टी की नमी बनी रहती है।

पीली जुकिनी की खेती कैसे करें?

किसान अगर इस फसल को अपनाना चाहते हैं, तो उन्हें सही तकनीकों और बेहतर खेती प्रबंधन पर ध्यान देना होगा। प्रमोद वर्मा बताते हैं कि पीली जुकिनी की खेती करना बेहद आसान है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है—

  1. खेत की तैयारी – सबसे पहले खेत की दो से तीन बार गहरी जुताई करनी चाहिए, जिससे मिट्टी नरम हो जाए।
  2. खाद और उर्वरक – मिट्टी को समतल करने के बाद उसमें वर्मी कम्पोस्ट खाद डालना जरूरी होता है, जिससे फसल को सही पोषक तत्व मिलें।
  3. बीजों की बुवाई – मेड़ों पर मल्चिंग विधि का उपयोग करते हुए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बीज बोए जाते हैं, ताकि पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिले।
  4. सिंचाई और जल प्रबंधन – समय-समय पर सिंचाई करने से फसल का उत्पादन अच्छा होता है।
  5. निराई-गुड़ाई और देखभाल – फसल को किसी भी प्रकार की बीमारी या कीटों से बचाने के लिए नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए।

कृषि वैज्ञानिकों की राय:

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि पीली जुकिनी की खेती किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है

  • यह कम समय में तैयार होने वाली फसल है, जिससे किसान इसे सालभर उगा सकते हैं।
  • इसकी मांग बाजार में लगातार बनी रहती है, जिससे किसानों को फसल बेचने की चिंता नहीं होती।
  • अगर किसान उचित देखभाल और सही तकनीक अपनाएं, तो वे अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं

होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में बढ़ रही पीली जुकिनी की मांग:

होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में पीली जुकिनी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। कई बड़े शेफ इसे विशेष व्यंजनों में उपयोग कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमत बाजार में और बढ़ रही है।

इसके अलावा, अब यह सुपरमार्केट और ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर्स में भी देखी जा रही है, जिससे इसकी मांग सालभर बनी रहती है। यही कारण है कि जिन किसानों ने इस फसल को अपनाया है, वे अब मल्टीनेशनल रेस्टोरेंट्स और बड़ी कंपनियों को अपनी उपज बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं

किसानों के लिए यह बड़ा अवसर क्यों है?

आज के दौर में खेती का मुनाफा बढ़ाने के लिए नई तकनीकों और बाजार की मांग के अनुसार फसल उगाना बेहद जरूरी हो गया है। अगर किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ पीली जुकिनी जैसी फसलों की खेती करते हैं, तो वे कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं

इसके लिए उन्हें—

  • बेहतर तकनीक अपनानी होगी,
  • बाजार की मांग को समझना होगा, और
  • सही समय पर सही कीमत पर अपनी फसल बेचना होगा

अगर यह सब किया जाए, तो पीली जुकिनी की खेती किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है और वे कमाई को दोगुना कर सकते हैं। 

पीली जुकिनी जैसी फसलें किसानों के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो रही हैं। इसकी कम लागत, अधिक मुनाफा, तेजी से बढ़ती मांग और कम जोखिम इसे एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं। अगर किसान नई तकनीकों का सही उपयोग करें, तो वे इस फसल से शानदार कमाई कर सकते हैं।

आज बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर होटल और रेस्टोरेंट सेक्टर में, जिससे इसकी कीमतें भी अच्छी मिल रही हैं।

अगर आप भी एक किसान हैं और अधिक लाभदायक फसलों की तलाश कर रहे हैं, तो पीली जुकिनी की खेती जरूर करें। यह आपको कम समय में ज्यादा मुनाफा देने का सुनहरा अवसर प्रदान कर सकती है।

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