Ladyfinger Farming: गर्मियों में भिंडी की खेती से होगी रिकॉर्डतोड़ पैदावार, बस ध्यान रखें ये 5 बातें

Ladyfinger Farming: गर्मियों में भिंडी की खेती से होगी रिकॉर्डतोड़ पैदावार, बस ध्यान रखें ये 5 बातें

भिंडी की खेती

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कृषि दुनिया
  • 04 Apr, 2025 11:24 AM IST ,
  • Updated Fri, 04 Apr 2025 03:12 PM

भिंडी गर्मियों में उगाई जाने वाली एक लोकप्रिय सब्जी है, जो अपने पोषण और व्यावसायिक लाभों के कारण किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प है। इसकी खेती के लिए उचित तापमान, सही मिट्टी और देखभाल की आवश्यकता होती है। अगर किसान कुछ खास तकनीकों को अपनाएं, तो वे भिंडी की खेती से अधिक उत्पादन और मुनाफा कमा सकते हैं। आइए जानते हैं गर्मी के मौसम में भिंडी की खेती के महत्वपूर्ण टिप्स।

तापमान का रखें खास ध्यान Take special care of the temperature:

भिंडी की अच्छी वृद्धि के लिए 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान आवश्यक होता है, क्योंकि इसी तापमान पर अंकुरण सही तरीके से होता है। हालांकि, जब तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो भिंडी के फूल झड़ने लगते हैं, जिससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

गर्मी में भिंडी की फसल लगभग 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है, जबकि बारिश के मौसम में यह 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकती है। इसलिए, अच्छी पैदावार के लिए खेत की सही तैयारी और निराई-गुड़ाई का ध्यान रखना जरूरी है।

खेत की सही तैयारी Proper preparation of the field:

भिंडी की खेती के लिए भुरभुरी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसमें जैविक खाद और पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। खेत की तैयारी में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • तीन से चार बार जोताई कर मिट्टी को समतल करें।
  • सिंचाई की व्यवस्था के अनुसार खेत को उचित आकार की क्यारियों में विभाजित करें।
  • 120-200 क्विंटल गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर खेत में मिलाएं।
  • 50 किलो नाइट्रोजन, 50 किलो फास्फोरस और 50 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें।
  • बुवाई के एक महीने बाद 50 किलो नाइट्रोजन अतिरिक्त डालें, जिससे पौधों को उचित पोषण मिले।

भिंडी की बुवाई के लिए महत्वपूर्ण बातें:

गर्मी में बुवाई:

  • कतार से कतार की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 12-15 सेमी रखें।
  • 5-6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।

बारिश के मौसम में बुवाई:

  • कतारों की दूरी 45-60 सेमी और पौधों के बीच की दूरी 30-45 सेमी रखें।
  • सिंचाई तभी करें, जब आवश्यक हो।

खरपतवार नियंत्रण और देखभाल: भिंडी की फसल को स्वस्थ बनाए रखने के लिए खरपतवार नियंत्रण बहुत जरूरी है। समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें, ताकि पौधों को सही मात्रा में पोषक तत्व मिलें और उनकी वृद्धि प्रभावित न हो।

अगर किसान सही तापमान, खेत की उचित तैयारी और संतुलित पोषण का ध्यान रखें, तो वे भिंडी की खेती से बेहतर उत्पादन और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। सही सिंचाई, खाद प्रबंधन और खरपतवार नियंत्रण अपनाकर फसल को स्वस्थ और लाभदायक बनाया जा सकता है।

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