Crop protection tips: कड़कड़ाती ठंड में फसलें बचाने के 5 आसान उपाय, जानिए कृषि विभाग की खास सलाह

Crop protection tips: कड़कड़ाती ठंड में फसलें बचाने के 5 आसान उपाय, जानिए कृषि विभाग की खास सलाह

सर्दी में फसलों की देखभाल

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कृषि दुनिया
  • 23 Dec, 2024 11:30 AM IST ,
  • Updated Mon, 23 Dec 2024 12:30 PM

सर्दियों की कड़कड़ाती ठंड और शीतलहर किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। ठंड के मौसम में फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है, खासकर जब पाला और शीतलहर का प्रभाव तेज हो। इस साल पश्चिमी विक्षोभ के कारण 23 दिसंबर से 5 जनवरी तक ठंड में वृद्धि और हल्की बारिश की भविष्यवाणी की गई है। ऐसे में किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरतनी होगी।

राजस्थान के संयुक्त कृषि निदेशक (विस्तार) प्रकाश चन्द्र बुनकर द्वारा दी गई सलाह:

प्रकाश चन्द्र बुनकर ने बताया कि टमाटर, मिर्च, बैंगन, धनिया, मटर, चना, सरसों और गेहूं जैसी फसलें पाले के कारण भारी नुकसान झेल सकती हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि समय पर उठाए गए सही कदम फसलों को नुकसान से बचा सकते हैं।

कृषि विभाग द्वारा सुझाए गए उपाय:

कृषि विभाग ने पाले और शीतलहर से फसलों को बचाने के लिए पांच प्रमुख उपाय सुझाए हैं। इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं।

  1. घूंआ करें: पाला पड़ने की संभावना होने पर रात में खेतों के किनारों पर घास-फूस और अन्य कचरा जलाकर घूंआ करें। इससे वातावरण में गर्मी बनी रहेगी और ठंड का प्रभाव कम होगा। यह तरीका फसलों को पाले से बचाने में बेहद कारगर है।
  2. गंधक और थायो यूरिया का छिड़काव करें: गंधक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत घोल (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) या थायो यूरिया (500 पीपीएम) का 15-15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें। यह फसलों को शीतलहर और ठंड के प्रभाव से सुरक्षित रखेगा और उनकी वृद्धि को बनाए रखेगा।
  3. हल्की सिंचाई करें
    पाला पड़ने की संभावना के समय खेत में हल्की सिंचाई करें। इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है और तापमान को 0.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ाने में मदद मिलती है। यह सरल उपाय ठंड से फसलों को सुरक्षित रखने का एक प्रभावी तरीका है।
  4. फसलों को ढकें
    सब्जियों और अन्य संवेदनशील फसलों को पाले से बचाने के लिए उन्हें पॉलीथीन शीट, भूसे या अन्य सामग्री से ढक दें। ठंडी हवाओं से सुरक्षा के लिए खेत के किनारों पर वायुरोधी टाटीयां लगाना भी फायदेमंद हो सकता है।
  5. वायुरोधक पेड़ लगाएं
    खेतों की मेड़ों पर शहतूत, शीशम, खेजड़ी और बबूल जैसे वायुरोधक पेड़ लगाएं। ये पेड़ ठंडी हवाओं को रोककर फसलों को बचाने में मदद करते हैं। यह दीर्घकालिक उपाय खेतों के वातावरण को बेहतर बनाता है।

किसानों के लिए विशेष चेतावनी:

कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे मौसम की जानकारी पर नजर रखें और इन उपायों को समय पर अपनाएं। सर्दी के इन कठिन दिनों में सतर्कता ही फसलों को बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है।

पाले और शीतलहर का असर: पाला और शीतलहर का सीधा असर फसलों की उपज और गुणवत्ता पर पड़ता है। ठंड के कारण पौधों के ऊतकों में पानी जम जाता है, जिससे उनकी कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। समय पर सावधानी बरतने से न केवल फसलें बचाई जा सकती हैं, बल्कि आर्थिक नुकसान से भी बचा जा सकता है।

निष्कर्ष: कड़कड़ाती ठंड में फसलों को बचाना हर किसान के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। कृषि विभाग द्वारा सुझाए गए उपाय सरल, प्रभावी और व्यावहारिक हैं। इन्हें अपनाकर किसान न केवल अपनी मेहनत का फल सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि अपनी आय को भी स्थिर बनाए रख सकते हैं। इस ठंड के मौसम में समय पर कदम उठाना ही सबसे बड़ा हथियार है।

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