किसान वह व्यक्ति है जो अपनी मेहनत और परिश्रम से भूमि पर खेती करके अनाज, फल, सब्जियां, और अन्य फसलों का उत्पादन करता है। वह हमारे समाज का वह स्तंभ है जिस पर हमारी खाद्य सुरक्षा आधारित होती है। किसान न केवल अनाज उगाते हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारी थाली में पोषक तत्वों से भरपूर खाना हो। एक किसान का कार्य सुबह से शाम तक चलता है, जिसमें फसल बोने, उसकी देखभाल करने, और उसे काटने तक की प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। किसान का जीवन केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि वह प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षक भी होता है।
एक किसान का जीवन सरल लेकिन अत्यंत कठिन होता है। वह सूर्योदय से पहले जागता है और अपने खेतों में काम करने निकल जाता है। बारिश हो, धूप हो, या ठंड, किसान का काम कभी रुकता नहीं है। खेती के हर चरण में मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है, चाहे वह भूमि की जुताई हो, बीजों की बुवाई हो, सिंचाई हो, या फसल की कटाई। खेती के अलावा, किसान को बाजार की अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन, और प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। कभी-कभी पर्याप्त उपज न होने पर या फसल की सही कीमत न मिलने पर उनका जीवन और भी कठिन हो जाता है। हालांकि, एक किसान का जीवन कठिन होता है, लेकिन उनके मन में एक अलग ही संतोष होता है। अपनी मेहनत से उगाई गई फसल को देखते हुए जो खुशी उन्हें मिलती है, वह अद्वितीय है।
किसानों के बच्चे आजकल खेती से दूर होते जा रहे हैं। इसके कई कारण हैं:
पढ़े-लिखे लोग किसान क्यों नहीं बनते हैं?
शिक्षित लोग खेती को एक पेशे के रूप में चुनने से कतराते हैं, इसके पीछे भी कई कारण हैं:
यदि किसान अनाज ना लगाए तो क्या होगा?
यदि किसान अनाज उगाना बंद कर दें, तो इसका प्रभाव न केवल एक समाज, बल्कि पूरे विश्व पर पडे़गा। इसका वर्णन इस प्रकार किया जा सकता है:
किसान नहीं तो अन्न नहीं:
"किसान नहीं तो अन्न नहीं" यह कहावत पूरी तरह सच है। किसान हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता, अन्न, का उत्पादन करते हैं। उनका महत्व केवल खाद्य उत्पादन तक सीमित नहीं है; वे हमारी सभ्यता और समाज की नींव हैं। किसानों के बिना, न तो उद्योग चल सकते हैं, न ही अर्थव्यवस्था। एक किसान की मेहनत और योगदान को पहचानना और उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। हमें यह समझना होगा कि किसानों का जीवन सुधारने के लिए नीतियां बनाना और उन्हें संसाधन प्रदान करना न केवल उनका, बल्कि पूरे समाज का कल्याण करेगा।
निष्कर्ष: किसान हमारे समाज के रक्षक और पोषक हैं। उनकी कठिनाइयों को समझना और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयास करना हर नागरिक और सरकार का कर्तव्य है। किसान को वह सम्मान और समर्थन देना जरूरी है, जिससे वह गर्व के साथ अपनी अगली पीढ़ियों को खेती के लिए प्रेरित कर सके।