धान किसान ध्यान दें! कटाई में की गई लापरवाही से हो सकता है भारी नुकसान — जानें सही तरीका
धान किसान ध्यान दें! कटाई में की गई लापरवाही से हो सकता है भारी नुकसान — जानें सही तरीका
कृषि दुनिया
08 Oct, 2025 01:38 PM IST ,
Updated Wed, 08 Oct 2025 05:20 PM
देश के कई राज्यों में इन दिनों मॉनसून जाते-जाते किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। कभी तेज बारिश तो कभी बादलों का डेरा किसानों की मेहनत पर पानी फेर सकता है। खरीफ सीजन की सबसे अहम फसल धान अब पककर तैयार हो रही है और अधिकांश किसान कटाई की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन इस वक्त की गई लापरवाही तैयार खड़ी फसल को बर्बाद कर सकती है। इसलिए किसानों के लिए यह जानना जरूरी है कि धान की कटाई का सही समय क्या है और किन गलतियों से बचना चाहिए।
धान की कटाई का सही समय
धान की पैदावार और गुणवत्ता पर कटाई के समय का सीधा असर पड़ता है। समय से पहले या देर से की गई कटाई पैदावार को कम कर सकती है।
पत्तियों का रंग देखें: जब धान के पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगें तो यह संकेत है कि फसल पकने लगी है।
बालियों की जांच करें: पौधों से बालियां तोड़कर देखें। यदि अंदर के दाने कठोर और परिपक्व हो चुके हैं और उनमें दूधियापन नहीं है, तो फसल कटाई के लिए तैयार है।
दूधियापन हो तो इंतजार करें: अगर दानों में अब भी दूधिया पदार्थ मौजूद है, तो कटाई के लिए 3-4 दिन और इंतजार करें। जल्दी कटाई करने से दाने कच्चे रह जाएंगे और उपज की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
इन गलतियों से बचें
धान की फसल कटाई के समय किसानों द्वारा की जाने वाली कुछ सामान्य गलतियां भारी नुकसान का कारण बन सकती हैं।
बेमौसम बारिश को हल्के में न लें इन दिनों देश के कई राज्यों में बेमौसम बारिश हो रही है। अगर फसल पक चुकी है और मौसम विभाग बारिश की संभावना बता रहा है तो कटाई में देर न करें। बारिश से खेत में खड़ी फसल खराब हो सकती है और भंडारण में भी नमी के कारण नुकसान हो सकता है।
फसल को खुले में न रखें कटाई के बाद फसल को खेत या खुले मैदान में न छोड़ें। इसे तुरंत सुरक्षित खलिहान या गोदाम में रखें। बारिश के समय फसल को तिरपाल से ढकने की व्यवस्था पहले से कर लें।
ज्यादा पकने का इंतजार न करें कई बार किसान सोचते हैं कि फसल को और पकने दें ताकि दाने अच्छे हो जाएं, लेकिन ऐसा करने से नुकसान हो सकता है। अधिक पकने पर दाने बालियों से झड़कर खेत में गिर सकते हैं, जिससे पैदावार कम हो जाती है।
खेत में जरूरी तैयारी
धान की कटाई के दौरान और उसके बाद खेत और भंडारण स्थल की सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है।
खेत की मेड़ काटकर पानी की निकासी करें: यदि कटाई के बाद बारिश हो जाए तो खेत में पानी न ठहरे। इसके लिए खेत की मेड़ों को काटकर पानी निकलने का रास्ता बना लें।
धान को अच्छी तरह सुखाएं: कटाई के बाद धान को कुछ दिनों तक धूप में सुखाएं ताकि उसमें मौजूद नमी निकल जाए। नमी भंडारण के दौरान फफूंद और खराबी का कारण बन सकती है।
भंडारण से पहले सफाई करें: गोदाम या खलिहान को अच्छी तरह साफ करके ही धान को स्टोर करें ताकि कीट-पतंगों से बचा जा सके।
मौसम पर नजर रखना जरूरी
धान की फसल तैयार होने के बाद सबसे बड़ा खतरा बेमौसम बारिश और हवा से होता है। किसानों को मौसम पूर्वानुमान पर नजर रखनी चाहिए। समय पर कटाई और सुरक्षित भंडारण से न केवल नुकसान से बचा जा सकता है बल्कि अच्छी पैदावार को बाजार तक पहुंचाया जा सकता है।
निष्कर्ष
धान की खेती में किसान महीनों मेहनत करते हैं। लेकिन कटाई के समय की गई एक छोटी सी गलती पूरी मेहनत पर पानी फेर सकती है। इसीलिए सही समय पर कटाई करना, बारिश से बचाव करना और सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। अगर किसान इन बातों का ध्यान रखें तो न केवल फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है बल्कि अच्छी पैदावार और मुनाफा भी सुनिश्चित किया जा सकता है।