Fish farming: बीघा भर की जरूरत नहीं! अब कट्ठा में भी मछली पालन कर बन सकते हैं लाखपति

Fish farming: बीघा भर की जरूरत नहीं! अब कट्ठा में भी मछली पालन कर बन सकते हैं लाखपति

मछली पालन

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कृषि दुनिया
  • 06 Mar, 2025 11:52 AM IST ,
  • Updated Thu, 06 Mar 2025 03:04 PM

बिहार के छोटे किसानों के लिए मछली पालन एक बेहतर विकल्प:

बिहार के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास खेती के लिए बहुत कम जमीन होती है, अब मछली पालन के माध्यम से शानदार कमाई कर सकते हैं। अगर किसी किसान के पास केवल 7-8 कट्ठा जमीन है, तो वह एक साल में 1 लाख रुपये तक की आमदनी कर सकता है। मछली पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जो कम लागत में अधिक मुनाफा देने की क्षमता रखता है।

बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां लगभग 80% किसान सीमांत और छोटे किसान हैं। इन किसानों की जीविका का सबसे बड़ा साधन खेती ही है, लेकिन हाल के वर्षों में मछली पालन भी एक महत्वपूर्ण आय स्रोत के रूप में उभरा है। कई किसान यह सोचकर मछली पालन नहीं करते कि उनके पास पर्याप्त जमीन नहीं है, लेकिन अब यह धारणा बदलने वाली है।

अगर किसी किसान के पास 7-8 कट्ठा जमीन है, तो वह आसानी से मछली पालन कर सकता है और इसके साथ-साथ बागवानी व सब्जी उत्पादन भी कर सकता है। इससे उसकी आय दोगुनी हो सकती है और उसे किसी दूसरे काम की जरूरत नहीं पड़ेगी।

तालाब की खुदाई और संरचना:

मछली पालन के लिए तालाब की सही संरचना बहुत महत्वपूर्ण होती है। अगर किसान के पास 8 कट्ठा जमीन है, तो इसे दो भागों में बांटा जा सकता है:

  1. 6 कट्ठा जमीन में तालाब बनाया जाए
  2. 2 कट्ठा जमीन में एक मजबूत बांध और मेड़ का निर्माण किया जाए

तालाब की लंबाई 40 मीटर, चौड़ाई 25 मीटर और गहराई 2-3 मीटर होनी चाहिए। तालाब की चौड़ाई कम रखने से जाल डालने और मछली पकड़ने में आसानी होती है। पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए तालाब की मिट्टी को अच्छी तरह से समतल किया जाए।

मछलियों का चयन और पालन विधि:

तालाब में मछलियों का सही चयन और सही अनुपात में पालन करने से उत्पादन अधिक होगा और मुनाफा बढ़ेगा

40×25 मीटर आकार के तालाब में 1000 देसी मछलियों का पालन किया जा सकता है। मछलियों का पालन 4:3:3 अनुपात में करें:

  • 400 कतला (ऊपरी सतह में रहने वाली मछली)
  • 300 रोहू (मध्यम गहराई में रहने वाली मछली)
  • 300 मृगल (तालाब की निचली सतह में रहने वाली मछली)

प्रत्येक मछली के लिए लगभग 1 मीटर स्क्वायर जगह की आवश्यकता होती है। मछली को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार देना जरूरी है, जिसमें चारा, खली और सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल हों।

मछली पालन से होने वाली संभावित कमाई:

एक सीजन में लगभग 400 किलो तक मछली का उत्पादन संभव है। अगर बाजार में मछलियों की कीमत 150-200 रुपये प्रति किलो है, तो इससे 60,000 से 80,000 रुपये तक की कमाई हो सकती है।

अगर किसान सही तरीके से प्रबंधन करें, तो एक साल में 1 लाख रुपये तक की कमाई कर सकता है। तालाब के किनारे पेड़-पौधे और सब्जियां उगाकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त की जा सकती है।

कम लागत, अधिक मुनाफा:

मछली पालन में प्रारंभिक लागत बहुत अधिक नहीं होती। अगर किसान खुदाई का खर्च बचाना चाहे, तो सरकारी अनुदान का लाभ ले सकता है। बिहार सरकार और मत्स्य विभाग तालाब निर्माण के लिए अनुदान भी प्रदान करते हैं।

आइटमलागत (₹)
तालाब की खुदाई20,000 - 30,000
मछली के बीज और चारा15,000 - 20,000
कुल निवेश50,000 (औसतन)
संभावित सालाना कमाई1,00,000+

तालाब के किनारे बागवानी और सब्जी उत्पादन:

मछली पालन के साथ-साथ तालाब के किनारे पेड़-पौधे और सब्जियां उगाकर अतिरिक्त कमाई की जा सकती है।

  • तालाब के किनारे केले, पपीते, अमरूद और सहजन के पेड़ लगाए जा सकते हैं।
  • गोभी, भिंडी, पालक, टमाटर और अन्य हरी सब्जियां भी उगाई जा सकती हैं।
  • इससे किसानों को मछली के अलावा अतिरिक्त आमदनी भी मिलेगी।

सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं:

बिहार सरकार और केंद्र सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं:

  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों को सब्सिडी और अनुदान दिया जाता है।
  • बैंक से आसान ऋण उपलब्ध कराया जाता है ताकि किसान बिना आर्थिक परेशानी के मछली पालन शुरू कर सकें।
  • तालाब निर्माण के लिए राज्य सरकार 40-50% तक सब्सिडी देती है।

अगर आपके पास बीघा भर जमीन नहीं है, तो कोई बात नहीं! अब कट्ठा में भी मछली पालन करके लाखों की कमाई की जा सकती है। सही योजना, सही देखभाल और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

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