यदि आप चाहते हैं कि आपके दुधारू पशुओं जैसे गाय और भैंस का दूध उत्पादन बढ़े, तो कुछ आसान लेकिन प्रभावी उपाय अपनाकर आप उनकी दूध देने की क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी कर सकते हैं। सही आहार, अच्छी देखभाल और कुछ देसी नुस्खे आजमाकर आप अपने पशुओं से अधिक मात्रा में और बेहतर गुणवत्ता का दूध प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं बेहतर दुग्ध उत्पादन के लिए जरूरी उपाय।
दुधारू पशुओं को पौष्टिक और संतुलित आहार देना बेहद जरूरी है। उनके भोजन में हरे चारे जैसे बरसीम, लोबिया, नेपियर घास के साथ सूखा चारा जैसे भूसा, तूड़ी संतुलित मात्रा में होना चाहिए। प्रोटीनयुक्त चारे में चना, मूंग, मटर शामिल करें और मक्का, बाजरा, सोयाबीन जैसे दानेदार आहार दें। इसके अलावा, खनिज मिश्रण और नमक देने से पशु के शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती है, जिससे दूध उत्पादन बेहतर होता है।
दुधारू पशुओं को दिन में कम से कम 3-4 बार साफ और ताजा पानी पिलाएं, क्योंकि पानी की कमी से दूध उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गर्मी के मौसम में ठंडे और शुद्ध पानी की विशेष व्यवस्था करें ताकि पशु हाइड्रेटेड रहें और दूध की मात्रा में कमी न आए।
पशुओं का शेड साफ, हवादार और संक्रमण रहित होना चाहिए। समय-समय पर पशुओं की शारीरिक सफाई करें और गर्मी में उन्हें नहलाकर छायादार स्थान पर रखें। स्वच्छ वातावरण से पशु स्वस्थ रहते हैं और उनका दूध उत्पादन अधिक होता है।
पशुओं का समय-समय पर टीकाकरण कराना जरूरी है ताकि वे विभिन्न बीमारियों से बचे रहें। इसके अलावा, हर 3-6 महीने में एक बार पेट के कीड़े मारने की दवा दें। अगर पशु में किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखें, तो तुरंत पशु चिकित्सक से परामर्श लें।
दूध निकालने की सही तकनीक अपनाएं:
पशु को आरामदायक माहौल देकर दूध निकालें। हमेशा एक निश्चित समय पर दूध निकालें और पशु को प्यार से सहलाएं। साफ-सुथरे हाथों से धीरे-धीरे दूध निकालने से दूध की मात्रा और गुणवत्ता बेहतर होती है।
व्यायाम और खुले वातावरण की आवश्यकता:
पशुओं को खुले में घूमने दें ताकि उनका शरीर स्वस्थ बना रहे। व्यायाम से पाचन तंत्र मजबूत होता है और भूख बढ़ती है। अगर पशु खुलकर घूमेंगे, तो वे स्वस्थ रहेंगे और दूध उत्पादन में वृद्धि होगी।
आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय:
कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों से भी दूध की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। पशुओं को अजवाइन और मेथी के दाने खिलाने से दूध बढ़ता है। गुड़ और सरसों का तेल मिलाकर देने से भी दूध उत्पादन में सुधार होता है। इसके अलावा, प्याज के रस को आटे में मिलाकर खिलाने से दूध की गुणवत्ता बेहतर होती है।
संतुलित हार्मोन और मानसिक शांति:
प्रसव के बाद पशु को गैलक्टोगॉग (दूध बढ़ाने वाले पदार्थ) देना चाहिए। ऑक्सीटोसिन हार्मोन के संतुलन के लिए उचित पोषण आवश्यक है। अगर पशु तनावग्रस्त होंगे तो दूध की मात्रा कम हो जाएगी, इसलिए उन्हें शांत वातावरण में रखें।
साइलेज और फीड ब्लॉक का उपयोग:
साइलेज, जो कि हरे चारे का संरक्षित रूप होता है, पशुओं को संतुलित पोषण प्रदान करता है और दूध उत्पादन में वृद्धि करता है। इसके अलावा, बाजार में उपलब्ध संतुलित फीड ब्लॉक भी दूध की मात्रा और गुणवत्ता सुधारने में मददगार होते हैं।
मानसिक तनाव से बचाव:
अगर पशु को लगातार डराया-धमकाया जाए या शोरगुल वाले माहौल में रखा जाए, तो उनका दूध उत्पादन घट सकता है। इसलिए जरूरी है कि उन्हें शांत और तनावमुक्त माहौल में रखा जाए।
अगर आप चाहते हैं कि आपके दुधारू पशु अधिक मात्रा में और बेहतर गुणवत्ता का दूध दें, तो उन्हें सही आहार, स्वच्छ वातावरण और पर्याप्त देखभाल दें। साथ ही, आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय अपनाकर दूध उत्पादन में जबरदस्त बढ़ोतरी की जा सकती है। अगर इन सभी उपायों को अपनाते हैं, तो निश्चित ही आपके घर में दूध की गंगा बहेगी!