पराली मत जलाओ! सरकार दे रही है ₹1,200/एकड़ — अभी करें आवेदन और पाएं सीधा फायदा

पराली मत जलाओ! सरकार दे रही है ₹1,200/एकड़ — अभी करें आवेदन और पाएं सीधा फायदा
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कृषि दुनिया
  • 07 Oct, 2025 12:44 PM IST ,
  • Updated Wed, 08 Oct 2025 11:37 AM

हरियाणा के अंबाला जिले में इस बार पराली प्रबंधन योजनाओं को किसानों से जबरदस्त सहयोग मिला है। जिले के 37,061 किसानों ने पराली प्रबंधन के लिए पंजीकरण कराया है। यह पंजीकरण लगभग 2.20 लाख एकड़ धान की फसल वाली जमीन पर किया गया है।

किसानों को मिल रही प्रोत्साहन राशि:

सरकार की ओर से किसानों को इन-सिचू (In-Situ) और एक्स-सिचू (Ex-Situ) पराली प्रबंधन के लिए ₹1,200 प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह योजना ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल के माध्यम से संचालित हो रही है।

  • अंबाला जिले में लगभग 2.46 लाख एकड़ में धान की खेती दर्ज है।
  • अब तक लगभग 45% धान की फसल की कटाई हो चुकी है।

पराली जलाने पर सख्ती और निगरानी:

अंबाला के कृषि उप निदेशक डॉ. जसविंदर सैनी ने बताया कि इस साल अब तक पराली जलाने का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 9 मामले दर्ज किए गए थे और सीजन के अंत तक 99 मामले सामने आए थे।
सरकार की सख्ती और किसानों की जागरूकता से इस बार स्थिति में काफी सुधार देखा जा रहा है।

गांव-गांव में जागरूकता अभियान:

पराली प्रबंधन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने 639 नोडल अधिकारियों को गांव-गांव भेजा है।

  • ये अधिकारी किसानों को पराली जलाने से होने वाले मिट्टी की गुणवत्ता पर असर और वायु प्रदूषण के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
  • हर गांव में जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि किसान पराली का सही ढंग से प्रबंधन कर सकें।

बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें:

सोमवार को हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।

  • बारिश से खेतों में खड़ी फसल और मंडियों में रखा धान भीग गया।
  • इससे कटाई में देरी और धान की गुणवत्ता पर असर पड़ा है।
  • हामिदपुर गांव के किसान जसबीर सिंह ने बताया कि बारिश और तेज हवाओं से फसल गिर गई है, जिससे कटाई की लागत बढ़ जाएगी।

मंडियों में धान की आमद और खरीद:

  • अंबाला जिले की 15 अनाज मंडियों और खरीद केंद्रों में अब तक 1.95 लाख मीट्रिक टन धान की आमद हो चुकी है।
  • इनमें से 1.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है।
  • 63,418 मीट्रिक टन धान को मंडियों से उठाया भी जा चुका है।

धान को बारिश से बचाने के उपाय:

अंबाला छावनी अनाज मंडी के सचिव नीरज भारद्वाज ने बताया कि बारिश के दौरान मंडियों में रखा धान तिरपाल से ढककर सुरक्षित रखा गया था।

  • जैसे ही मौसम साफ हुआ, खरीद प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई।

किसानों की जागरूकता से मिला प्रोत्साहन:

अंबाला जिले के किसानों ने पराली जलाने के बजाय सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए पराली प्रबंधन को अपनाया है।

  • इससे न केवल वायु प्रदूषण पर रोक लगेगी बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी।
  • हालांकि मौसम की मार ने चुनौतियां बढ़ाई हैं, लेकिन किसान और प्रशासन मिलकर इन मुश्किलों से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।

अंबाला के किसानों ने पराली प्रबंधन को अपनाकर एक नई मिसाल पेश की है। सरकारी योजनाओं से मिलने वाली सहायता और जागरूकता अभियानों का असर साफ दिखाई दे रहा है। अगर यह पहल अन्य जिलों में भी इसी तरह सफल होती है, तो पराली जलाने की समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा।

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