471 करोड़ की प्रोत्साहन राशि और सख्त निगरानी – हरियाणा में पराली पर कड़ा पहरा

471 करोड़ की प्रोत्साहन राशि और सख्त निगरानी – हरियाणा में पराली पर कड़ा पहरा
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कृषि दुनिया
  • 30 Sep, 2025 12:19 PM IST ,
  • Updated Tue, 30 Sep 2025 01:03 PM

हरियाणा सरकार ने पराली जलाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए ज़ीरो टॉलरेंस नीति लागू की है। किसानों को सब्सिडी, CRM मशीनें और औद्योगिक सप्लाई से जोड़कर स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

सख्त निर्देश और बैठक

राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सोमवार को इस विषय पर अहम बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि 100% एक्शन प्लान का पालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही दोहराया कि पराली जलाने के मामलों में सरकार की नीति “ज़ीरो टॉलरेंस” है।

हवा को साफ रखना प्राथमिकता

मुख्य सचिव ने कहा कि केवल हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की हवा की गुणवत्ता बनाए रखना बेहद जरूरी है। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।

अब तक के पराली जलाने के मामले

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार, अब तक फतेहाबाद, जींद और कुरुक्षेत्र से पराली जलाने के 3 मामले सामने आए हैं।

  • इन मामलों में FIR दर्ज की गई है।
  • संबंधित किसानों की जमीनों में “रेड एंट्री” की गई है।
  • किसानों पर पर्यावरण मुआवजा (EC) भी लगाया गया है।

सख्त कार्रवाई की चेतावनी

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि भविष्य में कोई किसान पराली जलाता है, तो उसके खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी उपायुक्तों (DCs) को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिलों में तैयारियों की निजी रूप से निगरानी करें।

39 लाख एकड़ भूमि में पराली प्रबंधन

बैठक में बताया गया कि इस साल 5.65 लाख किसानों ने 39.33 लाख एकड़ धान क्षेत्र में पराली प्रबंधन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन वाले जिले:

  • करनाल – 4.69 लाख एकड़
  • कैथल – 4.34 लाख एकड़
  • सिरसा – 3.70 लाख एकड़
  • फतेहाबाद – 3.61 लाख एकड़
  • जींद – 3.56 लाख एकड़

खेतों की मैपिंग और तकनीक

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सभी गांवों के खेतों की मैपिंग की जाए, ताकि प्रत्येक खेत के लिए उपयुक्त पराली प्रबंधन तकनीक अपनाई जा सके, जैसे:

  • फसल विविधीकरण
  • इन-सीटू प्रबंधन
  • चारे के रूप में उपयोग
  • उद्योगों को आपूर्ति

सरकार ने बताया कि छोटे और सीमांत किसानों के लिए CRM मशीनों पर सब्सिडी दी जा रही है और ये मशीनें कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

 किसानों को प्रोत्साहन राशि

सरकार ने इस वर्ष किसानों को ₹471.96 करोड़ की प्रोत्साहन राशि मंजूर की है।

  • किसानों को प्रति एकड़ ₹1,200 दिए जाएंगे।
  • इसका उद्देश्य है कि किसान सस्टेनेबल पराली प्रबंधन को अपनाएं।

डिजिटल प्लेटफॉर्म से पारदर्शिता

‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल और कृषि विभाग का पोर्टल किसानों के:

  • रजिस्ट्रेशन
  • मशीन बुकिंग
  • इंसेंटिव वितरण
  • रियल-टाइम डाटा रिपोर्टिंग

में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

निगरानी की मजबूत व्यवस्था

  • किसानों की मदद के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
  • लाल और पीले ज़ोन में एक अधिकारी अधिकतम 50 किसानों की निगरानी करेगा।
  • हरे ज़ोन में एक अधिकारी 100 किसानों की निगरानी करेगा।

इसके अलावा, एक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) भी बनाई गई है जो जिलावार प्रगति को ट्रैक करती है और किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान करती है।

पराली प्रोटेक्शन फोर्स का गठन

कृषि निदेशक राजनारायण कौशिक ने बताया कि कई जिलों में ‘पराली प्रोटेक्शन फोर्स’ बनाई गई है।

  • इसमें पुलिस, कृषि और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं।
  • यह फोर्स खेतों की निगरानी करेगी और रात में गश्त भी करेगी, क्योंकि कुछ किसान रात में चोरी-छिपे पराली जलाने की कोशिश करते हैं।

उद्योगों से जोड़ने की योजना

राज्य सरकार किसानों को बायोमास प्लांट, ब्रिकेटिंग यूनिट्स और हरियाणा पॉवर जेनरेशन कॉर्पोरेशन जैसे उद्योगों से जोड़ रही है।

  • इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मदद ली जा रही है।
  • पराली को सुरक्षित रखने के लिए 249 एकड़ पंचायत भूमि पर भंडारण डिपो बनाए जाएंगे।
  • इससे उद्योगों को पराली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

निष्कर्ष

हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लेते हुए व्यापक योजनाएं बनाई हैं। किसानों को तकनीक, सब्सिडी और सहायता प्रदान कर के यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पराली जलाने की जरूरत ही न पड़े।
यह न केवल किसानों के लिए लाभदायक होगा, बल्कि पूरे NCR क्षेत्र के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगा।

 

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