हरियाणा सरकार ने पराली जलाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए ज़ीरो टॉलरेंस नीति लागू की है। किसानों को सब्सिडी, CRM मशीनें और औद्योगिक सप्लाई से जोड़कर स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सोमवार को इस विषय पर अहम बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि 100% एक्शन प्लान का पालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही दोहराया कि पराली जलाने के मामलों में सरकार की नीति “ज़ीरो टॉलरेंस” है।
मुख्य सचिव ने कहा कि केवल हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की हवा की गुणवत्ता बनाए रखना बेहद जरूरी है। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार, अब तक फतेहाबाद, जींद और कुरुक्षेत्र से पराली जलाने के 3 मामले सामने आए हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि भविष्य में कोई किसान पराली जलाता है, तो उसके खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी उपायुक्तों (DCs) को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिलों में तैयारियों की निजी रूप से निगरानी करें।
39 लाख एकड़ भूमि में पराली प्रबंधन
बैठक में बताया गया कि इस साल 5.65 लाख किसानों ने 39.33 लाख एकड़ धान क्षेत्र में पराली प्रबंधन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन वाले जिले:
खेतों की मैपिंग और तकनीक
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सभी गांवों के खेतों की मैपिंग की जाए, ताकि प्रत्येक खेत के लिए उपयुक्त पराली प्रबंधन तकनीक अपनाई जा सके, जैसे:
सरकार ने बताया कि छोटे और सीमांत किसानों के लिए CRM मशीनों पर सब्सिडी दी जा रही है और ये मशीनें कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही हैं।
किसानों को प्रोत्साहन राशि
सरकार ने इस वर्ष किसानों को ₹471.96 करोड़ की प्रोत्साहन राशि मंजूर की है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म से पारदर्शिता
‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल और कृषि विभाग का पोर्टल किसानों के:
में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
निगरानी की मजबूत व्यवस्था
इसके अलावा, एक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) भी बनाई गई है जो जिलावार प्रगति को ट्रैक करती है और किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान करती है।
पराली प्रोटेक्शन फोर्स का गठन
कृषि निदेशक राजनारायण कौशिक ने बताया कि कई जिलों में ‘पराली प्रोटेक्शन फोर्स’ बनाई गई है।
उद्योगों से जोड़ने की योजना
राज्य सरकार किसानों को बायोमास प्लांट, ब्रिकेटिंग यूनिट्स और हरियाणा पॉवर जेनरेशन कॉर्पोरेशन जैसे उद्योगों से जोड़ रही है।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लेते हुए व्यापक योजनाएं बनाई हैं। किसानों को तकनीक, सब्सिडी और सहायता प्रदान कर के यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पराली जलाने की जरूरत ही न पड़े।
यह न केवल किसानों के लिए लाभदायक होगा, बल्कि पूरे NCR क्षेत्र के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगा।