Subsidy on Seed | खरीफ की बुवाई का समय नजदीक है। ऐसे में किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार की ओर से सब्सिडी पर बीज मुहैया कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही किसानों को बीज पर अनुदान देकर उनकी लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं।
राज्य सरकार किसानों को खरीफ सीजन के लिए धान, उड़द, अरहर, मूंग व ढैंचा जैसे फसलों के बीजों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। इसका मतलब है कि किसान इन बीजों को आधी कीमत पर खरीद सकेंगे। इससे उनकी लागत घटेगी और उत्पादन की संभावना बढ़ेगी।
पहले की व्यवस्था में किसानों को पहले बीज का पूरा मूल्य चुकाना पड़ता था और फिर कई महीनों बाद सब्सिडी की राशि बैंक खाते में आती थी। लेकिन अब सरकार ने इस प्रक्रिया को बदल दिया है। अब किसानों को बीज खरीदते समय ही केवल 50% राशि का भुगतान करना होगा और शेष राशि की सब्सिडी तुरंत मिल जाएगी। इस प्रणाली को "एट-सोर्स सब्सिडी" कहा जाता है।
राज्य के विभिन्न जिलों में राजकीय बीज गोदामों के माध्यम से बीज वितरण किया जा रहा है। बीज वितरण "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर किया जाएगा, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द बीज गोदाम पर पहुंचकर बीज प्राप्त करें।
फसल | मूल कीमत (₹) | सब्सिडी के बाद कीमत (₹) |
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मोटा धान | 44.88 | 22.44 |
महीन धान | 45.09 | 22.54 |
बासमती धान | 61.38 | 30.69 |
उड़द | 145.20 | 72.60 |
मूंग | 116.85 | 58.43 |
अरहर | 171.42 | 85.71 |
ढैंचा | 116.00 | 58.00 |
इस योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश के पंजीकृत किसान ही उठा सकते हैं। इसके लिए किसान को उत्तर प्रदेश सरकार के "किसान पारदर्शी पोर्टल" (agriculture.up.gov.in) पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। साथ ही बीज खरीदते समय आधार कार्ड साथ लाना जरूरी है। एक किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि तक के लिए बीज प्रदान किए जाएंगे।
सरकार का उद्देश्य किसानों को प्रमाणित व उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराना है ताकि कम लागत में अधिक उत्पादन हो सके। इससे न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि खेती भी अधिक लाभकारी बनेगी। बेहतर बीजों से फसल की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।
प्रदेश के किसानों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपने नजदीकी राजकीय बीज गोदाम से बीज प्राप्त करें और यदि अभी तक किसान पारदर्शी पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराया है, तो वह प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी कर लें। ताकि समय पर बुवाई और भरपूर उत्पादन सुनिश्चित हो सके।