सरसों की खेती के 35 दिन बाद करें ये 3 ज़रूरी काम, प्रति एकड़ 15 क्विंटल तक पैदावार — जानिए विशेषज्ञों की राय

सरसों की खेती के 35 दिन बाद करें ये 3 ज़रूरी काम, प्रति एकड़ 15 क्विंटल तक पैदावार — जानिए विशेषज्ञों की राय

सरसों की खेती के 35 दिन बाद करें ये 3 ज़रूरी काम

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कृषि दुनिया
  • 11 Nov, 2025 12:52 PM IST ,
  • Updated Fri, 14 Nov 2025 06:09 AM

देशभर में रबी सीजन की प्रमुख तिलहनी फसलों में से एक सरसों (Mustard) की बुवाई अब अधिकांश इलाकों में पूरी हो चुकी है। किसानों के लिए यह फसल न सिर्फ तेल उत्पादन का मुख्य स्रोत है, बल्कि इससे प्रति एकड़ 15 क्विंटल तक पैदावार लेकर अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए किसानों को बुवाई से लेकर पहली सिंचाई तक कुछ अहम काम तय समय पर करने जरूरी हैं।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सरसों की फसल में यदि शुरुआती चरण में सही खाद प्रबंधन और पोषक तत्वों का संतुलन रखा जाए तो उपज में 25-30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी संभव है। आइए जानते हैं, बुवाई के 25 से 35 दिन बाद कौन से तीन काम किसानों को करने चाहिए ताकि सरसों का खेत बंपर उत्पादन दे सके।

 1. पहली सिंचाई से पहले डालें ये खाद

सरसों की फसल में अच्छी पैदावार के लिए पहली सिंचाई से पहले खाद डालना सबसे जरूरी चरण है।
अगर आपने बुवाई के समय डीएपी (फॉस्फोरस) की जगह SSP या TSP खाद डाली थी तो यह सबसे उत्तम माना जाता है। लेकिन यदि यह खाद नहीं डाली गई थी, तो बुवाई के 25 से 35 दिन बाद डीएपी डाल सकते हैं।

इसके अलावा किसानों को प्रति एकड़ खेत में निम्न खाद डालनी चाहिए —

  • यूरिया – 45 किलो (1 बैग)
  • जिंक सल्फेट – 10 किलो (21%)
  • सल्फर (80%) – 3 किलो प्रति एकड़

 ध्यान रहे कि ये सारी खादें सूखे खेत में छिड़कने के बाद सिंचाई करनी चाहिए। यह पोषण पहली सिंचाई से पहले फसल की जड़ों को मजबूत बनाता है और फूल आने के समय पौधों को आवश्यक ऊर्जा देता है।

 2. सिंचाई के तीन दिन बाद करें यह स्प्रे

पहली सिंचाई और खाद डालने के तीन दिन बाद पत्तों पर स्प्रे करना बहुत जरूरी है। इससे पौधों की वृद्धि तेज होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
इसके लिए किसान निम्नलिखित घोल का उपयोग कर सकते हैं —

  • NPK 19:19:19 या NPK 20:20:20 — प्रति एकड़ 250 से 400 ग्राम
  • साफ पाउडर (Micronutrient Mix) — निर्धारित मात्रा में

इस स्प्रे से पौधे की पत्तियां हरी-भरी रहती हैं, फूल ज्यादा आते हैं और दानों की गुणवत्ता बेहतर होती है।

3. फसल की निगरानी और रोग नियंत्रण करें

सरसों की फसल में बुवाई के एक माह बाद एफिड (चूसक कीट) और सफेद फफूंदी का प्रकोप देखा जा सकता है। ऐसे में खेत की नियमित निगरानी करना जरूरी है। यदि कीट दिखाई दें तो तुरंत कीटनाशी का छिड़काव करें और खेत में नमी संतुलित रखें।

सही प्रबंधन से बंपर उपज संभव

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, जो किसान इन तीन चरणों —

1. पहली सिंचाई से पहले संतुलित खाद प्रबंधन,

2. तीन दिन बाद फोलियर स्प्रे, और

3. नियमित कीट एवं रोग नियंत्रण —
को सही समय पर करते हैं, वे आसानी से प्रति एकड़ 15 क्विंटल या उससे अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

सलाह: सरसों की फसल में शुरू के 35 दिन सबसे अहम होते हैं। अगर किसान इस अवधि में पौधों को पर्याप्त पोषण और समय पर सिंचाई दें तो आगे चलकर फसल की बढ़वार और पैदावार दोनों में उल्लेखनीय सुधार देखा जा सकता है।

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