भारत में मूंग की खेती को अत्यधिक लाभदायक माना जाता है, खासकर जब सही किस्म का चुनाव किया जाए। यदि आप कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो मूंग की विजेता (एसआरपीएम-26) किस्म की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इस किस्म की खासियत यह है कि यह पीला मोज़ेक वायरस के प्रति अधिक सहनशील होती है और इसकी बाजार में जबरदस्त मांग रहती है।
मूंग की खेती के लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करना जरूरी होता है। खेत की मिट्टी को भुरभुरा बनाकर उसमें गोबर की खाद या जैविक खाद मिलाएं, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहे। जल निकासी की व्यवस्था ठीक होनी चाहिए, ताकि खेत में पानी न रुके और फसल को किसी तरह का नुकसान न हो।
बुआई से पहले बीजों का उपचार करना बेहद जरूरी होता है। बीजों को उचित दवाओं से उपचारित करने से फसल को कीट और रोगों से बचाया जा सकता है। फरवरी-मार्च का समय इस किस्म की बुआई के लिए आदर्श माना जाता है। इस दौरान मौसम अनुकूल होता है, जिससे फसल तेजी से बढ़ती है।
अगर आप एक एकड़ में मूंग की विजेता (एसआरपीएम-26) किस्म की खेती करते हैं, तो इससे 8 से 10 क्विंटल तक की पैदावार हो सकती है। बाजार में इसकी कीमत अधिक होती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। इस किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह जल्दी तैयार हो जाती है और उत्पादन भी अधिक होता है।
मूंग की खेती कई कारणों से लाभदायक मानी जाती है।
अगर आप खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो मूंग की विजेता (एसआरपीएम-26) किस्म की खेती आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है। यह फसल कम समय में तैयार होती है, बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है और इसकी खेती करना आसान भी है। इसलिए किसान भाई इस फसल की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।