Protect crops; पाला से बचाएं अपनी धनिया, मेथी और लहसुन की फसलें, जानें रोगों के लक्षण और सही उपचार

Protect crops; पाला से बचाएं अपनी धनिया, मेथी और लहसुन की फसलें, जानें रोगों के लक्षण और सही उपचार

पाला से फसलों को बचाएं

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कृषि दुनिया
  • 06 Jan, 2025 11:30 AM IST ,
  • Updated Mon, 06 Jan 2025 12:30 PM

सर्दी के मौसम में पाला फसलों के लिए घातक हो सकता है, खासकर धनिया, मेथी और लहसुन जैसी फसलों के लिए। पाला फसलों की वृद्धि रोक देता है और उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए किसानों के लिए यह आवश्यक है कि वे समय रहते फसलों को पाले और रोगों से बचाने के उपाय अपनाएं। आइए, जानते हैं इन उपायों के बारे में और कैसे ये आपके खेतों में असरदार साबित हो सकते हैं।

पाले से बचाव के उपाय Frost protection measures:

  1. खेतों में सिंचाई:
    पाला पड़ने की संभावना हो तो खेत में सिंचाई करना एक प्रभावी उपाय है। सिंचाई से जमीन में नमी बनी रहती है, जिससे भूमि का तापमान तेजी से नहीं गिरता। वैज्ञानिकों के अनुसार, सिंचाई से फसल के आसपास का तापमान 0.5°C से 2°C तक बढ़ सकता है।
  2. धुआं करना:
    रात 12 से 2 बजे के बीच खेतों की उत्तरी-पश्चिमी दिशा से आने वाली हवा के साथ खेतों की मेड़ों पर कचरा या सूखी घास जलाकर धुआं करें। यह तापमान को 4°C तक बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
  3. गंधक का छिड़काव:
    पाले से बचाने के लिए फसलों पर घुलनशील गंधक का 0.2% या गंधक का तेजाब 0.1% का छिड़काव करें। यह छिड़काव पाले के प्रभाव को कम करने के साथ-साथ पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
  4. पौधों को ढंकना:
    छोटे उद्यानों और पौधशालाओं में पौधों को टाट, पॉलिथीन या भूसे से ढककर तापमान बनाए रखा जा सकता है। हवा रोकने के लिए उत्तरी-पश्चिमी दिशा में वायुरोधी टांटियां लगाना भी लाभकारी है।
  5. दीर्घकालिक उपाय:
    फसलों को ठंडी हवा के झोंकों से बचाने के लिए खेतों के किनारों पर शहतूत, शीशम, बबूल और जामुन जैसे वायु अवरोधक पेड़ लगाएं।

फसलों में रोगों के लक्षण और उपचार:

  1. धनिया का स्टेम गॉल (लोंगिया) रोग
    लक्षण: तने पर छोटी गांठें बनना और डोडी का आकार लौंग जैसा दिखना।
    उपचार: हेक्साकोनाजोल या प्रोपिकोनाजोल 2 मिली/लीटर पानी की दर से बुवाई के 45, 60 और 75-90 दिनों पर छिड़काव करें।
  2. मेथी और लहसुन में तुलासिता रोग
    लक्षण: मेथी की पत्तियों पर भूरे रंग का कवक जाल और पीलापन। लहसुन की पत्तियों पर बैंगनी धब्बे और सूखना।
    उपचार: 0.2% मैंकोजेब के घोल का छिड़काव करें।
  3. टमाटर झुलसा रोग
    लक्षण: टमाटर की पत्तियों और फलों पर झुलसा के लक्षण।
    उपचार: मैंकोजेब 63% और कार्बेन्डाजिम 12% डब्ल्यू.पी. 2 ग्राम/लीटर या मैंकोजेब 64% और मेटालेक्जिल 8% डब्ल्यू.पी. 2 ग्राम/लीटर के घोल का छिड़काव करें। रोग की प्रारंभिक अवस्था में और 15 दिन के अंतराल पर छिड़काव दोहराएं।

सर्दी के मौसम में पाले और रोगों से फसलों की सुरक्षा के लिए समय पर उचित उपाय अपनाना आवश्यक है। सिंचाई, गंधक का छिड़काव, और पौधों को ढंकने जैसे तरीके न केवल फसलों को बचाते हैं बल्कि उत्पादन को भी बढ़ावा देते हैं। किसान दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देकर फसलों को ठंडी हवा और रोगों से सुरक्षित रख सकते हैं।

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