तेज धूप और बढ़ती गर्मी से टमाटर, मिर्च और बैंगन की फसलों को बचाने के लिए करें ये उपाय
तेज धूप और बढ़ती गर्मी से टमाटर, मिर्च और बैंगन की फसलों को बचाने के लिए करें ये उपाय
गर्मी के मौसम में फसलों की देखभाल
कृषि दुनिया
28 Mar, 2025 11:51 AM IST ,
Updated Fri, 28 Mar 2025 12:22 PM
प्रदेश में लगातार बढ़ते तापमान ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी तापमान में वृद्धि जारी रहने की संभावना है। ऐसे में सब्जी एवं बागवानी फसलों की देखभाल अत्यधिक आवश्यक हो गई है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव जारी किए हैं, जिससे वे अपनी फसलों को गर्मी के प्रतिकूल प्रभाव से बचा सकते हैं।
टमाटर, मिर्च और बैंगन की फसल के लिए आवश्यक उपाय:
फसलों को अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए 2 प्रतिशत नेफ्थलीन एसिटिक एसिड (NAA) का घोल तैयार कर छिड़काव करें। इससे फलों के विकास में बाधा नहीं आएगी।
नियमित रूप से सिंचाई करें और पौधों की नमी बनाए रखें, ताकि गर्मी का असर कम हो सके।
आम और नींबू के बागों की देखभाल:
फूल आने के दौरान सिंचाई करने से बचें, ताकि फलों का अच्छा विकास हो सके।
आम के बागों में मिली बग और लीफ हॉपर जैसे कीटों की निगरानी करें और आवश्यकता होने पर उचित कीटनाशकों का उपयोग करें।
बैंगन की फसल को कीटों से बचाने के उपाय:
यदि प्ररोह और फल छेदक कीट का प्रकोप दिखे तो प्रभावित फलों और टहनियों को इकट्ठा कर तुरंत नष्ट कर दें।
अधिक कीट संक्रमण होने पर स्पिनोसेड 48 ई.सी. (1 मिली प्रति 4 लीटर पानी) का छिड़काव करें।
बेल वाली सब्जियों के लिए आवश्यक सावधानियां:
चूर्णिल आसिता रोग (Powdery Mildew) के लक्षण दिखाई देने पर डिनोकैप 48 ई.सी. (1 मिली प्रति लीटर पानी) या डेफेनकोनाजोल (0.5 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें।
चूसक कीटों से बचाव के लिए डाइमेथोएट (2 मिली प्रति लीटर पानी) या एसेफेट (1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें।
प्याज की फसल में थ्रिप्स कीट का नियंत्रण:
यदि प्याज की फसल में थ्रिप्स कीट पाए जाएं, तो इमिडाक्लोप्रिड (0.5 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें।
अधिक प्रभावी परिणाम के लिए कीटनाशक घोल में चिपकाने वाला पदार्थ (टीपोल – 1 ग्राम प्रति लीटर घोल) मिलाएं।
गर्मी के मौसम में फसलों की देखभाल के लिए किसानों को नियमित सिंचाई, उचित कीटनाशकों का प्रयोग और सही पोषक तत्वों की आपूर्ति पर ध्यान देना होगा। कृषि विशेषज्ञों के सुझावों का पालन कर किसान अपनी पैदावार को सुरक्षित रख सकते हैं और नुकसान से बच सकते हैं।