करेले की खेती से होगी रिकॉर्ड तोड़ पैदावार, जानिए कहां से खरीदें ये खास बीज सस्ते में

करेले की खेती से होगी रिकॉर्ड तोड़ पैदावार, जानिए कहां से खरीदें ये खास बीज सस्ते में

करेले की खेती से होगी रिकॉर्ड तोड़ पैदावार

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कृषि दुनिया
  • 15 May, 2025 11:24 AM IST ,
  • Updated Thu, 15 May 2025 11:25 AM

आज के समय में किसान पारंपरिक फसलों की बजाय नकदी फसलों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर सब्जियों की खेती में किसानों की रुचि बढ़ी है, क्योंकि इससे कम समय में अच्छी कमाई की जा सकती है। इन्हीं सब्जियों में एक नाम है करेला, जिसकी मांग पूरे साल बाजार में बनी रहती है। ऐसे में अगर किसान सही किस्म चुनकर खेती करें तो उन्हें लागत के मुकाबले कई गुना अधिक मुनाफा मिल सकता है।

सालभर रहती है करेले की भारी मांग

भारत के लगभग सभी राज्यों में करेले की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। करेले में औषधीय गुणों की भरमार होती है, जिसके कारण इसकी बाजार में मांग बनी रहती है। यह ना केवल स्वाद और सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह शुगर, लीवर और पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी माना जाता है। यही वजह है कि व्यापारी और ग्राहक दोनों इसकी खरीदारी में रुचि दिखाते हैं।

हिरकानी: करेले की एक उच्च उपज देने वाली किस्म

हिरकानी किस्म करेले की एक विशेष किस्म है, जो उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में सफलता से उगाई जाती है। इस किस्म की बुवाई फरवरी से जून के बीच की जा सकती है। हिरकानी किस्म के पौधे करीब 1.20 मीटर लंबे होते हैं और हर फल का वजन लगभग 155 ग्राम होता है। इस किस्म से प्रति एकड़ 140 क्विंटल तक उपज मिल सकती है, जो इसे खेती के लिए अत्यंत लाभकारी बनाती है।

यहां से खरीदें करेले का सस्ता और प्रमाणित बीज

अब किसानों को करेले का बीज खरीदने के लिए बाजार जाने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) द्वारा अब करेले का बीज ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान www.indiaseeds.com पर जाकर हिरकानी किस्म का बीज ऑर्डर कर सकते हैं। वर्तमान में यह बीज 43% छूट के साथ सिर्फ ₹31 (10 ग्राम पैक) में उपलब्ध है, जो बाजार मूल्य से काफी सस्ता है।

करेले की खेती कैसे करें – जानिए पूरी प्रक्रिया

करेले की खेती के लिए सबसे उचित समय होता है जायद सीजन (मार्च-जून)। खेत की तैयारी करते समय पहले गोबर की खाद डालें और फिर कल्टीवेटर से 3-4 बार जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। इसके बाद खेत को समतल कर लें और नालियां बना लें ताकि जलभराव न हो।

फिर नालियों के दोनों तरफ बीज की बुवाई करें। किसान चाहें तो खेत में मचान विधि (trellis method) या जाल विधि अपनाकर भी करेले की बेलों को सहारा दे सकते हैं। इससे फल ज़मीन से ऊपर लटकते हैं, जिससे गुणवत्ता भी बेहतर होती है और पैदावार भी अधिक मिलती है।

कम लागत, ज्यादा मुनाफा

करेले की खेती में लागत बहुत कम आती है और अगर किसान प्रामाणिक बीज, जैविक खाद और सही विधि अपनाएं तो बहुत अच्छी उपज ले सकते हैं। सही मार्केटिंग और मंडी तक पहुंच होने पर किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं। कई किसान इसकी खेती से हर सीजन में ₹1 से ₹2 लाख प्रति एकड़ तक की कमाई कर रहे हैं।

निष्कर्ष

अगर आप भी सब्जी की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं, तो हिरकानी करेले की किस्म आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकती है। बाजार में इसकी मांग भी ज्यादा है और अब आप इसके बीज भी ऑनलाइन, सस्ती कीमत में, घर बैठे मंगवा सकते हैं। सही तकनीक और देखभाल से आप भी करेले की खेती से बंपर मुनाफा कमा सकते हैं।

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