कम लागत में करोड़ों का बिज़नेस! कुंदरू की खेती से किसान कमा रहे हैं ₹5 लाख सालाना — जानिए पूरी जानकारी

कम लागत में करोड़ों का बिज़नेस! कुंदरू की खेती से किसान कमा रहे हैं ₹5 लाख सालाना — जानिए पूरी जानकारी

कुंदरू की खेती

kd-icon
कृषि दुनिया
  • 22 Oct, 2025 01:39 PM IST ,
  • Updated Wed, 22 Oct 2025 04:46 PM

कुंदरू की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। यह फसल न केवल कम लागत में तैयार होती है, बल्कि सालभर उत्पादन देकर किसानों को लगातार मुनाफ़ा देती रहती है। अगर किसान सही तरीके से इसकी खेती करें, तो एक एकड़ खेत से ₹3 से ₹5 लाख तक की कमाई संभव है।

कुंदरू की खेती से लगातार कमाई

कुंदरू की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि यह फसल “सालभर की आय का स्रोत” है। एक बार खेत में फसल लगाने के बाद 2 से 3 साल तक उत्पादन मिलता है। बाजार में कुंदरू की मांग हमेशा बनी रहती है, क्योंकि यह एक लोकप्रिय सब्जी है। फिलहाल कुंदरू का भाव ₹30 प्रति किलो चल रहा है।

अगर किसान एक एकड़ में खेती करते हैं, तो हर सप्ताह 3 से 4 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है। इस हिसाब से किसानों की महीने की कमाई ₹40,000 से ₹60,000 तक और वार्षिक आय ₹4 से ₹5 लाख तक पहुंच सकती है।

खेती में लागत और बचत

कुंदरू की खेती में किसानों को खाद, बीज, खेत तैयारी, मल्चिंग और ड्रिप सिस्टम पर लगभग ₹70,000 तक का खर्च आता है। लेकिन अगर किसान पारंपरिक तरीके से खेती करें और खेत की मिट्टी उपजाऊ हो, तो यह खर्च और भी कम हो जाता है। फसल की सफलता के लिए सबसे जरूरी है — रोग और कीट प्रबंधन।

खेती का तरीका

कुंदरू की खेती शुरू करने से पहले खेत की अच्छी तैयारी करें। मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए कई बार जुताई करें और फिर 4 फीट की दूरी पर बेड बनाएं। हर पौधे के बीच 3 फीट की दूरी रखें और ड्रिप सिंचाई प्रणाली का प्रयोग करें, ताकि पानी की बचत हो।

खरपतवार निकालते रहें, इससे फसल को पोषण मिलेगा और मजदूरी का खर्च बचेगा। गोबर खाद का प्रयोग करें, जो सस्ती और फायदेमंद होती है। जब उत्पादन घटने लगे, तो 19:19:19 खाद का छिड़काव करें और फसल को रोगों से बचाने के लिए फफूंदनाशक (fungicide) का छिड़काव करें। बेल को सहारा देने के लिए लकड़ी या तार का सहारा दें, इससे फल की गुणवत्ता बेहतर होती है।

खेती का सही समय

कुंदरू की खेती साल में कई बार की जा सकती है।

  • सितंबर से अक्टूबर के बीच कलम से रोपण का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
  • मार्च से मई के बीच भी गर्मियों में खेती की जा सकती है।
  • हालांकि, जुलाई–अगस्त की बरसात में रोपण करने से सबसे बढ़िया उत्पादन मिलता है।

निष्कर्ष

कुंदरू की खेती एक ऐसी फसल है, जो कम मेहनत और कम लागत में ज्यादा आमदनी देती है। इसकी खासियत यह है कि एक बार लगाने के बाद किसान को हर सीजन में उत्पादन मिलता रहता है। यही कारण है कि कुंदरू की खेती किसानों को लखपति बना रही है।

Advertisement