Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025: अमृत स्नान के शुभ मुहूर्त, जानें कितने होंगे कुल स्नान

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025: अमृत स्नान के शुभ मुहूर्त, जानें कितने होंगे कुल स्नान

महाकुंभ 2025: सभी शाही स्नानों की सूची और तारीखें

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कृषि दुनिया
  • 21 Jan, 2025 10:33 AM IST ,
  • Updated Tue, 21 Jan 2025 05:50 PM

महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में किया जा रहा है, जो गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता का भी प्रतीक है। महाकुंभ में हर साल करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं। इस बार के महाकुंभ में चार प्रमुख शाही स्नान और कई अन्य अमृत स्नान शामिल हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास हैं।

महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान कब है?

महाकुंभ 2025 का तीसरा अमृत स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन होगा। मौनी अमावस्या को महाकुंभ का सबसे शुभ और पुण्यदायी स्नान माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाने और जीवन में शांति प्राप्त करने की कामना करते हैं।

मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त:

  • आरंभ: 28 जनवरी 2025, रात 10:45 बजे
  • समापन: 29 जनवरी 2025, रात 11:15 बजे

श्रद्धालु इन शुभ तिथियों और मुहूर्त के दौरान स्नान कर पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं।

महाकुंभ 2025: शाही स्नान की तिथियां:

महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है। यह स्नान मुख्य रूप से अखाड़ों के साधु-संतों द्वारा किया जाता है। शाही स्नान के दौरान विभिन्न अखाड़ों के साधु जुलूस के रूप में संगम पहुंचते हैं और वहां पवित्र डुबकी लगाते हैं। शाही स्नान की तिथियां निम्नलिखित हैं:

  1. पहला शाही स्नान: पौष पूर्णिमा (13 जनवरी 2025)
  2. दूसरा शाही स्नान: मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025)
  3. तीसरा शाही स्नान: मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025)
  4. चौथा शाही स्नान: बसंत पंचमी (14 फरवरी 2025)

इन तिथियों पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

माघ कृष्ण अमावस्या का महत्व और शुभ मुहूर्त:

माघ कृष्ण अमावस्या का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे स्नान और दान के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र गंगा में स्नान करना अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करता है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।

  • माघ कृष्ण अमावस्या आरंभ: 28 जनवरी, रात 10:45 बजे
  • माघ कृष्ण अमावस्या समाप्ति: 29 जनवरी, रात 11:15 बजे

श्रद्धालु इस दौरान स्नान, दान और धार्मिक अनुष्ठान करके आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

महाकुंभ में शाही स्नान का महत्व:

शाही स्नान महाकुंभ का सबसे भव्य और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण आयोजन है। यह स्नान न केवल साधु-संतों और अखाड़ों के लिए, बल्कि आम श्रद्धालुओं के लिए भी अत्यधिक शुभ माना जाता है।

शाही स्नान की विशेषताएं:

  1. अखाड़ों की परंपरा: शाही स्नान के दौरान अखाड़ों के साधु-संत बड़े जुलूस के साथ स्नान के लिए आते हैं। यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है।
  2. आध्यात्मिक ऊर्जा: शाही स्नान के समय पूरा वातावरण भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत हो जाता है।
  3. स्नान का फल: मान्यता है कि शाही स्नान के दौरान पवित्र गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं और आत्मा शुद्ध हो जाती है।

महाकुंभ में मौसम का पूर्वानुमान:

मौसम विभाग के अनुसार, महाकुंभ के दौरान अगले 10 दिनों तक ठंड, कोहरा और बारिश की संभावना है। न्यूनतम तापमान 7-9 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। इस मौसम में श्रद्धालुओं को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

ठंड से बचने के उपाय:

  1. गर्म कपड़े पहनें और हाथ-मुंह ढककर रखें।
  2. अदरक वाली चाय और गर्म पानी का सेवन करें।
  3. भीड़भाड़ से बचें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
  4. बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर ठंड से बचाएं।

महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाएं:

श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए महाकुंभ क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

  • हेल्थ कैंप्स: पूरे मेला क्षेत्र में प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और मोबाइल हेल्थ यूनिट स्थापित की गई हैं।
  • एम्बुलेंस सेवा: 24x7 एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है।
  • विशेष चिकित्सा दल: ठंड और संक्रमण से बचाने के लिए डॉक्टरों की टीम तैनात है।

खाने-पीने और रहने की व्यवस्था:

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने और रहने की बेहतरीन व्यवस्था की गई है।

  • भोजन: मेला क्षेत्र में कई अन्नक्षेत्र और लंगर लगाए गए हैं, जहां निशुल्क शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलता है।
  • रहने की व्यवस्था: धर्मशालाएं, विश्रामालय और अस्थायी टेंट उपलब्ध हैं।
  • सुरक्षा: पूरे मेला क्षेत्र में CCTV कैमरे और सुरक्षा बल तैनात हैं।

महाकुंभ 2025 का आयोजन धार्मिक आस्था और भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम है। तीसरे अमृत स्नान और शाही स्नान के महत्व को ध्यान में रखते हुए, श्रद्धालुओं के लिए यह एक अनमोल अवसर है। चाहे वह स्नान का पुण्य हो, ठंड से बचाव के उपाय हों, या मेला क्षेत्र में उपलब्ध सुविधाएं, हर पहलू श्रद्धालुओं की सेवा के लिए समर्पित है।

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