मोन्था चक्रवात से बर्बाद हुई धान की फसल! किसानों ने प्रशासन से की मदद की गुहार, जानें कैसे मिलेगा मुआवजा

मोन्था चक्रवात से बर्बाद हुई धान की फसल! किसानों ने प्रशासन से की मदद की गुहार, जानें कैसे मिलेगा मुआवजा

मोन्था चक्रवात से बर्बाद हुई धान की फसल

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कृषि दुनिया
  • 02 Nov, 2025 11:38 AM IST ,
  • Updated Sun, 02 Nov 2025 06:38 PM

कोरिया/एमसीबी (छत्तीसगढ़): चक्रवाती तूफान मोन्था का असर अब किसानों पर भारी पड़ रहा है। सरगुजा संभाग के कई जिलों में हुई भारी बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी पकी हुई धान की फसल अब पानी में डूबने लगी है, वहीं जो फसल कटकर खलिहान में रखी गई थी, वह लगातार हो रही बारिश से सड़ रही है।

 खेतों में खड़ी फसल बर्बाद, किसानों में हाहाकार

कोरिया और एमसीबी जिले के कई इलाकों में बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। धान की कटाई का समय चल रहा था, लेकिन बारिश ने पूरा शेड्यूल बिगाड़ दिया। किसानों का कहना है कि अगर बारिश दो दिन और जारी रही, तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी।
किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें इस नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें।

 मौसम विभाग ने दी चेतावनी

मौसम विभाग के अनुसार, मोन्था चक्रवात के कारण उत्तर छत्तीसगढ़ में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। इसका सबसे ज्यादा असर धान की फसल पर पड़ने की आशंका है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश का कुछ फायदा सरसों और आलू जैसी फसलों को जरूर मिलेगा।

 रविवार से सुधरेगा मौसम, पर चिंता बनी रहेगी

मौसम विभाग ने बताया कि 2 नवंबर से बारिश बंद होने की संभावना है। उसके बाद बादल छंटेंगे और तापमान में गिरावट आएगी। लेकिन किसानों की चिंता यह है कि तब तक उनकी फसलें खराब हो सकती हैं, जिससे भारी आर्थिक नुकसान होगा।

 किसानों की व्यथा: “मेरी मेहनत पर पानी फिर गया…”

जोलगी गांव के किसान शिवकरण यादव बताते हैं —

“मेरे पास 25 एकड़ जमीन पर धान की फसल थी। आधी फसल कटने से पहले ही खराब हो गई और बाकी जो काटी थी, वो बारिश में सड़ गई। मेरा करीब सवा लाख रुपए का नुकसान हुआ है। मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि हमें मुआवजा दिया जाए ताकि अगली फसल लगा सकें।”

किसान पूरन सिंह का भी यही हाल है। उन्होंने बताया कि —

“10 एकड़ में लगी फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। खेत में काटकर रखी धान बारिश में सड़ रही है। खड़ी फसल भी बर्बाद हो गई। सब्जी की खेती पर भी असर पड़ा है, अब परिवार की रोजी-रोटी पर संकट है।”

ग्राम पंचायत तोजा के सरपंच पति ने बताया कि —

“लगातार बारिश के कारण फसलों के साथ-साथ कई किसानों के घर भी गिर गए हैं। लगभग पूरे गांव की धान की फसल पानी में सड़ गई है। हमने प्रशासन से तुरंत सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग की है।”

 किसानों को ऐसे मिलेगा मुआवजा

कोरिया के कृषि अधिकारी राजेश कुमार भारती ने बताया कि —

“जिले में करीब 32 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई थी। बेमौसम बारिश से नुकसान का आकलन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत किसान सीधे बीमा कंपनी को सूचित कर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि —

“किसान अपने नुकसान की जानकारी टोल फ्री नंबर 14477 पर देकर बीमा कंपनी को सूचित करें। इससे उन्हें निर्धारित मुआवजा राशि मिल सकेगी।”

 प्रशासन से उम्मीदें और किसानों की अपील

किसानों का कहना है कि वे सालभर की मेहनत से फसल तैयार करते हैं, लेकिन इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से सब कुछ खत्म हो जाता है। अब उनकी उम्मीदें सिर्फ सरकार और प्रशासन से हैं कि समय पर सर्वे कर मुआवजा दिया जाए।

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