मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: अब कोदो-कुटकी खरीदेगी सरकार, किसानों को मिलेगी ₹1000 प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि

मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: अब कोदो-कुटकी खरीदेगी सरकार, किसानों को मिलेगी ₹1000 प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि
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कृषि दुनिया
  • 15 Oct, 2025 01:12 PM IST ,
  • Updated Wed, 15 Oct 2025 01:43 PM

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 को हुई मंत्री-परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया कि राज्य सरकार अब कोदो और कुटकी जैसी श्रीअन्न (मोटे अनाज) फसलों की खरीद करेगी। यह निर्णय विशेष रूप से जनजातीय किसानों के हित में लिया गया है ताकि उन्हें बेहतर बाजार और उचित मूल्य मिल सके।

 पहली बार कोदो-कुटकी की सरकारी खरीद

प्रदेश में पहली बार किसानों से कोदो और कुटकी की उपज की सरकारी खरीद की जाएगी। यह खरीद “रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना” के तहत की जाएगी। सरकार ने निर्णय लिया है कि इन फसलों का उपार्जन उन जिलों से किया जाएगा जहां इनकी अधिक खेती होती है, जैसे —
जबलपुर, कटनी, मंडला, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी और सिंगरौली।
इसके अलावा, यदि अन्य जिलों के किसान भी इसमें भाग लेना चाहें, तो वहां से भी उपार्जन पर विचार किया जाएगा।

 किसानों को मिलेगी ₹1000 प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि

सकार ने घोषणा की है कि किसानों से कोदो और कुटकी की खरीद “श्रीअन्न फेडरेशन” (Shri Ann Consortium of Farmer Producer Company Limited) के माध्यम से की जाएगी।

  • कुटकी की कीमत: ₹3500 प्रति क्विंटल
  • कोदो की कीमत: ₹2500 प्रति क्विंटल
    इसके अतिरिक्त, किसानों को ₹1000 प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि अलग से दी जाएगी। यह राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।
    इस योजना के तहत लगभग 30 हजार मीट्रिक टन श्रीअन्न की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 80 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण “मूल्य स्थिरीकरण कोष” से प्रदान किया जाएगा।

 फसल विविधीकरण को मिलेगा बढ़ावा

सरकार का यह निर्णय किसानों को पारंपरिक फसलों से हटकर मोटे अनाज की ओर प्रेरित करेगा। श्रीअन्न फसलें जैसे कोदो, कुटकी न केवल पोषक तत्वों से भरपूर हैं, बल्कि सूखा-सहिष्णु भी हैं — जिससे जलवायु परिवर्तन के दौर में किसानों को स्थिर आय का साधन मिलेगा।

 सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना को भी मिली मंजूरी

मंत्री-परिषद की बैठक में किसानों के लिए एक और राहत भरा निर्णय लिया गया। खरीफ 2025 के लिए सोयाबीन भावांतर योजना को मंजूरी दी गई है।

  • यह योजना भारत सरकार की Price Deficit Payment Scheme के तहत लागू की जाएगी।
  • योजना की अवधि 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक रहेगी।
  • इस अवधि में राज्य की अधिसूचित मंडियों में सोयाबीन की बिक्री की जाएगी।
  • मंडियों में 14 दिनों के औसत विक्रय मूल्य के आधार पर “मॉडल रेट” तय होगा।
  • यदि किसानों को यह दर MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से कम मिलती है, तो अंतर की राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में भेजी जाएगी।

गौरतलब है कि इस वर्ष सोयाबीन का MSP ₹5238 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

 किसानों के लिए दोहरी खुशी

इस बैठक के दो महत्वपूर्ण फैसलों —

  1. कोदो-कुटकी की सरकारी खरीद
  2. सोयाबीन भावांतर योजना की मंजूरी
    — से राज्य के लाखों किसानों को लाभ मिलने की संभावना है। सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है: किसानों की आय दोगुनी करना और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना।
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