अब नहीं देना पड़ेगा बिजली बिल! एमपी सरकार दे रही है ₹3 लाख का सोलर पंप मात्र ₹30,000 में, जानें आवेदन प्रक्रिया और पात्रता

अब नहीं देना पड़ेगा बिजली बिल! एमपी सरकार दे रही है ₹3 लाख का सोलर पंप मात्र ₹30,000 में, जानें आवेदन प्रक्रिया और पात्रता
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कृषि दुनिया
  • 22 Oct, 2025 12:14 PM IST ,
  • Updated Wed, 22 Oct 2025 04:39 PM

भोपाल। मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार अब किसानों को सोलर पंप पर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि अब प्रदेश के किसान बहुत ही कम कीमत पर अपने खेतों में सोलर पंप लगवा सकेंगे। इस योजना से किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली का लाभ मिलेगा और डीजल या बिजली के बिल से राहत भी मिलेगी।

किसानों को मिलेगा भारी फायदा

मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद अब किसानों को सोलर पंप बेहद सस्ते दामों में उपलब्ध होंगे। योजना के तहत किसान 5 हॉर्स पावर से लेकर 10 हॉर्स पावर तक के सोलर पंप लगवा सकते हैं। इन सोलर पंपों की मदद से किसान अपनी फसलों की सिंचाई बिना किसी बिजली बिल के कर पाएंगे।

कितना खर्च आएगा किसानों को?

सरकार द्वारा घोषित सब्सिडी के बाद अब सोलर पंप की कीमत किसानों के लिए बहुत कम रह गई है।

  • 5 हॉर्स पावर का सोलर पंप अब किसानों को केवल ₹30,000 में मिलेगा, जबकि इसकी असली कीमत ₹3.3 लाख है।
  • 7.5 हॉर्स पावर का सोलर पंप किसानों को केवल ₹41,000 में मिलेगा, जबकि इसकी बाजार कीमत ₹4.15 लाख है।
  • वहीं, 10 हॉर्स पावर का सोलर पंप किसानों को मात्र ₹58,000 में मिलेगा।

इस तरह किसानों को लगभग 90% तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है, जो देश में अब तक की सबसे बड़ी सब्सिडी योजनाओं में से एक मानी जा रही है।

आवेदन प्रक्रिया — ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों

जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे मध्य प्रदेश सोलर पंप योजना के आधिकारिक पोर्टल  https://cmsolarpump.mp.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, इच्छुक किसान अपने जिला कृषि कार्यालय में जाकर ऑफलाइन आवेदन भी जमा कर सकते हैं।

किसानों की जेब में राहत, खेती में नई रोशनी

राज्य सरकार का कहना है कि इस योजना से किसानों की बिजली पर निर्भरता घटेगी और वे अपने खेतों में सौर ऊर्जा से सिंचाई कर सकेंगे। इससे न केवल उनकी लागत घटेगी, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा।

मध्य प्रदेश सरकार की यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

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