पशुपालकों के लिए अक्टूबर का महीना बरसीम की खेती शुरू करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। बरसीम को ‘हरा चारा का राजा’ कहा जाता है क्योंकि यह न केवल पौष्टिक होता है बल्कि दूध देने वाले पशुओं की उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाता है। अगर आप अपने खेत में सस्ता और पौष्टिक हरा चारा उगाना चाहते हैं तो बरसीम की ‘मसकावी’ वैरायटी आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है।
बरसीम रबी सीजन में बोई जाने वाली प्रमुख चारा फसल है जो दलहन वर्ग में आती है। यह फसल न सिर्फ पशुओं के लिए पौष्टिक आहार है बल्कि किसानों के लिए अतिरिक्त आय का भी साधन बन सकती है। बरसीम की बुआई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से लेकर नवंबर तक की जाती है। पशुपालक इसे उगाकर अपने पशुओं के लिए सालभर हरा चारा प्राप्त कर सकते हैं।
‘मसकावी’ बरसीम की एक उन्नत और बहुउपयोगी किस्म है। इस किस्म की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे ठंड और हल्की गर्मी दोनों मौसमों में उगाया जा सकता है।
राष्ट्रीय बीज निगम ने किसानों की सुविधा के लिए ‘मसकावी’ बरसीम बीज को ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है। किसान इसे ओएनडीसी (ONDC) स्टोर से सीधे ऑर्डर कर सकते हैं।
बरसीम में लगभग 21% प्रोटीन और 70% पाचन योग्य पदार्थ पाया जाता है। यह चारा गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद है। इसे नियमित खिलाने से न केवल पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में वृद्धि होती है। इसी वजह से बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। किसान इसे बेचकर अतिरिक्त मुनाफा भी कमा सकते हैं।
बरसीम की खेती के लिए दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें पानी की निकासी अच्छी हो।
बरसीम की ‘मसकावी’ किस्म किसानों और पशुपालकों दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे न केवल पशुओं को पौष्टिक आहार मिलता है बल्कि किसान इसे बेचकर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकते हैं। राष्ट्रीय बीज निगम द्वारा बीज की आसान उपलब्धता ने किसानों के लिए यह अवसर और भी सरल बना दिया है। इस रबी सीजन में अगर आप अपने पशुओं को हरा चारा खिलाना चाहते हैं, तो बरसीम की मसकावी वैरायटी सबसे बेहतर विकल्प साबित हो सकती है।