पशुपालकों के लिए खुशखबरी: बरसीम की ‘मसकावी’ किस्म से मिलेगा भरपूर हरा चारा, राष्ट्रीय बीज निगम से सस्ते में खरीदें बीज

पशुपालकों के लिए खुशखबरी: बरसीम की ‘मसकावी’ किस्म से मिलेगा भरपूर हरा चारा, राष्ट्रीय बीज निगम से सस्ते में खरीदें बीज

बरसीम की ‘मसकावी’ किस्म

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कृषि दुनिया
  • 24 Oct, 2025 01:03 PM IST ,
  • Updated Fri, 24 Oct 2025 03:17 PM

पशुपालकों के लिए अक्टूबर का महीना बरसीम की खेती शुरू करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। बरसीम को ‘हरा चारा का राजा’ कहा जाता है क्योंकि यह न केवल पौष्टिक होता है बल्कि दूध देने वाले पशुओं की उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाता है। अगर आप अपने खेत में सस्ता और पौष्टिक हरा चारा उगाना चाहते हैं तो बरसीम की ‘मसकावी’ वैरायटी आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है।

 बरसीम क्यों है किसानों की पहली पसंद?

बरसीम रबी सीजन में बोई जाने वाली प्रमुख चारा फसल है जो दलहन वर्ग में आती है। यह फसल न सिर्फ पशुओं के लिए पौष्टिक आहार है बल्कि किसानों के लिए अतिरिक्त आय का भी साधन बन सकती है। बरसीम की बुआई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से लेकर नवंबर तक की जाती है। पशुपालक इसे उगाकर अपने पशुओं के लिए सालभर हरा चारा प्राप्त कर सकते हैं।

 मसकावी बरसीम की खासियत

‘मसकावी’ बरसीम की एक उन्नत और बहुउपयोगी किस्म है। इस किस्म की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे ठंड और हल्की गर्मी दोनों मौसमों में उगाया जा सकता है।

  • बुवाई के 40 से 45 दिन बाद पहली कटाई की जा सकती है।
  • एक बार बुवाई करने पर 4 से 5 बार तक कटाई संभव है।
  • इसकी औसत उपज 600 से 1000 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।
    इस तरह यह किस्म न सिर्फ अधिक उत्पादन देती है बल्कि सालभर पशुओं के लिए लगातार हरा चारा उपलब्ध कराती है।

 मसकावी बरसीम बीज की कीमत और खरीदारी

राष्ट्रीय बीज निगम ने किसानों की सुविधा के लिए ‘मसकावी’ बरसीम बीज को ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है। किसान इसे ओएनडीसी (ONDC) स्टोर से सीधे ऑर्डर कर सकते हैं।

  • 2 किलो के पैक की कीमत फिलहाल 1% छूट के साथ ₹690 रखी गई है।
  • किसान इसे ऑनलाइन खरीदकर घर बैठे डिलीवरी पा सकते हैं।
    यह पहल किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

बरसीम — दूध उत्पादन बढ़ाने वाला हरा चारा

बरसीम में लगभग 21% प्रोटीन और 70% पाचन योग्य पदार्थ पाया जाता है। यह चारा गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद है। इसे नियमित खिलाने से न केवल पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में वृद्धि होती है। इसी वजह से बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। किसान इसे बेचकर अतिरिक्त मुनाफा भी कमा सकते हैं।

किसान ऐसे करें बरसीम की खेती

बरसीम की खेती के लिए दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें पानी की निकासी अच्छी हो।

  • खेत को अच्छी तरह जुताई कर समतल करें।
  • सड़ी हुई गोबर की खाद डालें ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।
  • बीजों को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें।
  • बीज को छिटककर बोएं और पहली कटाई 30–40 दिन बाद करें।
    इसकी बुवाई अक्टूबर से नवंबर के बीच की जानी चाहिए ताकि फसल अच्छी तरह विकसित हो सके।

 निष्कर्ष

बरसीम की ‘मसकावी’ किस्म किसानों और पशुपालकों दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे न केवल पशुओं को पौष्टिक आहार मिलता है बल्कि किसान इसे बेचकर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकते हैं। राष्ट्रीय बीज निगम द्वारा बीज की आसान उपलब्धता ने किसानों के लिए यह अवसर और भी सरल बना दिया है। इस रबी सीजन में अगर आप अपने पशुओं को हरा चारा खिलाना चाहते हैं, तो बरसीम की मसकावी वैरायटी सबसे बेहतर विकल्प साबित हो सकती है।

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