सरसों की रिकॉर्डतोड़ उपज के लिए नवंबर में लगाएं ये खास किस्म, ₹1 लाख तक की कमाई पक्की — जानें पूरी डिटेल

सरसों की रिकॉर्डतोड़ उपज के लिए नवंबर में लगाएं ये खास किस्म, ₹1 लाख तक की कमाई पक्की — जानें पूरी डिटेल

सरसों की खेती

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कृषि दुनिया
  • 30 Oct, 2025 01:47 PM IST ,
  • Updated Thu, 30 Oct 2025 06:03 PM

नई दिल्ली, अक्तूबर 2025 — देशभर में रबी फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है और किसान अब ऐसी फसलों की तलाश में हैं जो कम लागत में अधिक उत्पादन दें। सरसों की खेती को हमेशा से किसानों के लिए मुनाफे का सौदा माना जाता है। इस बार कृषि विशेषज्ञ किसानों को ‘श्रीराम 1666’ सरसों की किस्म लगाने की सलाह दे रहे हैं, जो अपनी रिकॉर्डतोड़ उपज, उच्च तेल मात्रा और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, ‘श्रीराम 1666’ सरसों की एक हाइब्रिड वैरायटी है जिसमें जड़ से ही तेज फुटाव होता है, जिससे पौधों में अधिक शाखाएं बनती हैं। इस किस्म में सफेद रोली जैसे रोगों के प्रति सहिष्णुता पाई जाती है। इसमें 40 से 42 प्रतिशत तक तेल की मात्रा होती है जो इसे बाजार में अन्य किस्मों से अधिक मूल्य दिलाती है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका तना मजबूत होता है और कटाई के दौरान फलियों से दाने झड़ते नहीं हैं।

अक्टूबर-नवंबर में बुवाई का सही समय

कृषि विभाग के अनुसार, इस किस्म की बुवाई अक्टूबर से नवंबर के बीच करना सबसे उपयुक्त रहता है। इसकी खेती के लिए हल्की से मध्यम दोमट मिट्टी, जिसमें पानी की धारण क्षमता अच्छी हो, सबसे बेहतर मानी जाती है।
खेती से पहले खेत की गहरी जुताई करना आवश्यक है और बुवाई लाइनों में की जानी चाहिए। प्रति एकड़ 1.5 से 2 किलो बीज पर्याप्त होता है।
फसल में गोबर की सड़ी हुई खाद के साथ नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित प्रयोग करने से पैदावार में वृद्धि होती है।

125 दिनों में तैयार होती है फसल

‘श्रीराम 1666’ किस्म की फसल लगभग 125 से 130 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। यह किस्म कम सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए भी उपयुक्त है और सूखे की स्थिति में भी अच्छी पैदावार देती है।

किसानों को मिल रही शानदार उपज

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, ‘श्रीराम 1666’ की खेती से किसान प्रति एकड़ 12 से 14 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं।
वर्तमान में सरसों का बाजार भाव ₹6,000 से ₹8,800 प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है। ऐसे में किसानों को एक एकड़ से ₹80,000 से ₹1.2 लाख रुपये तक की आय हो सकती है।

किसानों में बढ़ी लोकप्रियता

राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान इस किस्म की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। इसकी बेहतर उपज, उच्च तेल गुणवत्ता और तेज बढ़वार के कारण यह किस्म अब देशभर में किसानों की पहली पसंद बन चुकी है।

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