Onion Market Report: मध्य प्रदेश में लगातार गिरते प्याज भाव, लागत निकालना हुआ मुश्किल

Onion Market Report: मध्य प्रदेश में लगातार गिरते प्याज भाव, लागत निकालना हुआ मुश्किल

मध्य प्रदेश की मंडियों में प्याज के ताज़ा भाव

kd-icon
कृषि दुनिया
  • 18 Dec, 2025 10:57 AM IST ,
  • Updated Thu, 18 Dec 2025 06:45 PM

मध्य प्रदेश की मंडियों में प्याज की कीमतें लगातार दबाव में बनी हुई हैं, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है। लागत के मुकाबले बेहद कम भाव मिलने के कारण प्याज की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती दिख रही है। कई जिलों में मंडी भाव 500 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच सिमटे हुए हैं, जबकि उत्पादन लागत इससे कहीं अधिक बताई जा रही है।

लागत से आधे दाम पर बिक रही उपज

किसानों के अनुसार प्याज की खेती में प्रति क्विंटल औसतन 2200 से 2500 रुपये तक का खर्च आता है। इसमें बीज, खाद, कीटनाशक, सिंचाई, मजदूरी और ढुलाई जैसे सभी खर्च शामिल होते हैं। ऐसे में जब मंडियों में कीमतें लागत के आधे से भी कम मिल रही हैं, तो किसानों पर आर्थिक दबाव बढ़ना स्वाभाविक है। कई किसान मजबूरी में फसल बेच रहे हैं, क्योंकि भंडारण और आगे की लागत उठाना भी उनके लिए मुश्किल हो रहा है।

मध्य प्रदेश की मंडियों में प्याज के ताज़ा भाव

नीचे प्रमुख मंडियों के ताज़ा भाव दिए जा रहे हैं, जिससे साफ होता है कि अधिकांश जगहों पर औसत कीमतें अभी भी काफी नीचे हैं:

मंडीन्यूनतम (₹/क्विंटल)अधिकतम (₹/क्विंटल)
भोपाल4101600
बदनावर395800
लश्कर 600600
इंदौर11582164
खंडवा4002400
मंदसौर18001800
शामगढ़4101980
नीमच4711920
राजगढ़1001210
नरसिंहगढ़1401270
रतलाम100701
रतलाम1001600
सीहोर5011360
शाजापुर2011092
सोयतकलां1051060
उज्जैन1751555

ऊंचे अधिकतम भाव के बावजूद राहत नहीं

हालांकि कुछ मंडियों में अधिकतम भाव ऊंचे दिख रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि ज्यादातर किसानों की आवक कम दामों पर ही बिक रही है। अच्छी गुणवत्ता और सीमित आवक वाले लॉट्स को छोड़ दें तो औसत किसान को 300 से 900 रुपये प्रति क्विंटल के बीच ही कीमत मिल पा रही है, जो लागत निकालने के लिए पर्याप्त नहीं है।

आगे क्या करें किसान?

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि किसानों को आवक की योजना, ग्रेडिंग और जहां संभव हो वहां थोड़े समय के लिए भंडारण जैसे विकल्पों पर विचार करना चाहिए। साथ ही सरकार की ओर से हस्तक्षेप, निर्यात को बढ़ावा और बाजार स्थिरीकरण जैसे कदम उठाए जाते हैं, तो प्याज किसानों को कुछ राहत मिल सकती है।

कुल मिलाकर, मध्य प्रदेश में प्याज के मौजूदा भाव किसानों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं और बाजार में ठोस सुधार के बिना हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं।

Advertisement