मानसून की एंट्री के साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई जोरों पर है। किसान अच्छी पैदावार के लिए उन्नत बीज और अधिक खाद-उर्वरक का उपयोग तो करते हैं, लेकिन सही तकनीक से बुवाई करना सबसे ज़रूरी है। धान की पैदावार तभी बेहतर होती है जब बिजाई की विधि वैज्ञानिक हो। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार किसानों को सीधी बुवाई तकनीक (DSR) अपनाने पर प्रोत्साहन दे रही है, जिसमें प्रति एकड़ ₹4500 तक की सब्सिडी दी जा रही है।
क्या है धान की सीधी बुवाई (DSR) तकनीक?
धान की सीधी बुआई एक आधुनिक और किफायती विधि है। इसमें पौध तैयार करने और रोपाई की जरूरत नहीं पड़ती। किसान बीज को सीधा खेत में छिड़कते हैं या सीड ड्रिल मशीन (DSR मशीन) से बुवाई करते हैं। यह तरीका पारंपरिक विधि की तुलना में कम पानी लेता है, जिससे 10-15% तक पानी की बचत होती है।
इससे पैदावार कैसे बढ़ेगी?
इस तकनीक को अपनाकर फसल लगाने की लागत घटती है और उत्पादकता में 5 से 6 प्रतिशत तक इज़ाफा होता है। साथ ही, खेत में नमी बची रहती है और खरपतवार की समस्या भी कम होती है। पहली सिंचाई देर से करने से भी खरपतवार की संख्या घटती है।
DSR तकनीक क्यों अपनाएं?
देश के कई हिस्सों में जल संकट बढ़ रहा है और जमीन की सेहत भी लगातार गिर रही है। इस स्थिति में DSR तकनीक के फायदे ये हैं:
इन किस्मों के साथ बेहतर काम करती है यह तकनीक
सीधी बुवाई के लिए कम अवधि वाली किस्में सबसे उपयुक्त होती हैं। जैसे:
इन किस्मों को अपनाकर किसान 30% तक अधिक पानी बचा सकते हैं। यह विधि बासमती और मोटे धान दोनों के लिए कारगर है।
खरपतवार पर कैसे करें नियंत्रण?
सीधी बिजाई के बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए इन उपायों को अपनाएं:
सरकार दे रही है अनुदान
हरियाणा सरकार इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ₹4500 प्रति एकड़ की दर से अनुदान दे रही है। साथ ही, DSR मशीन खरीदने पर ₹40,000 तक सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।