प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-Asha Yojana) को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाना और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करना है। सरकार ने इस योजना के तहत 100% एमएसपी पर तुअर, उड़द और मसूर की खरीद को मंजूरी दी है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार ने दलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की 100% न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद को स्वीकृति दी है। इससे किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिलेगा और उन्हें बाजार में फसल बेचने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
खरीफ 2024-25 सीजन के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 13.22 लाख टन तुअर की एमएसपी पर खरीदी की मंजूरी दी है। इनमें से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में खरीदी पहले ही शुरू हो चुकी है। 15 फरवरी 2025 तक इन राज्यों में 15,000 टन तुअर की खरीद की जा चुकी है, जिससे 12,006 किसानों को लाभ हुआ है। अन्य राज्यों में भी जल्द ही खरीद प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पीएम-आशा योजना के तहत 100% सरकारी खरीद होने से किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिलेगा। इस योजना के माध्यम से बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और किसान सरकारी एजेंसियों को सीधे अपनी फसल बेच सकेंगे। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि देश में दलहन उत्पादन भी बढ़ेगा और भारत आयात पर कम निर्भर होगा।
योजना को 4 साल तक बढ़ाने की घोषणा:
बजट 2025 में सरकार ने देश को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तुअर, उड़द और मसूर की 100% एमएसपी पर खरीद को अगले 4 सालों तक जारी रखने की घोषणा की है। सरकार का यह कदम किसानों के लिए लाभकारी साबित होगा और उनके आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करेगा। भविष्य में सरकार अन्य दालों को भी इस योजना में शामिल कर सकती है।
किसानों के लिए खुशखबरी – अब उनकी मेहनत का पूरा मुनाफा मिलेगा!
पीएम-आशा योजना के तहत फसलों की 100% एमएसपी पर सरकारी खरीद से किसानों को घाटा नहीं होगा, उन्हें फसल बेचने में किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी, और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। यह योजना देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।