बढ़ता तापमान सिर्फ इंसानों और जानवरों को ही नहीं बल्कि पेड़-पौधों को भी प्रभावित करता है। खासकर गर्मी के मौसम में कई पौधे झुलस जाते हैं और सही देखभाल न मिलने पर सूख भी सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपकी बगिया गर्मियों में भी हरी-भरी और खिली-खिली रहे, तो आपको पहले से ही कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे।
आज हम आपको कुछ आसान लेकिन असरदार टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने बगीचे या टेरेस गार्डन को गर्मी से बचा सकते हैं और पौधों को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
सबसे पहला और जरूरी कदम यह है कि आप अपने क्षेत्र के तापमान और जलवायु को समझें। भारत में अलग-अलग राज्यों में गर्मी की तीव्रता अलग-अलग होती है।
अगर आपके क्षेत्र में अधिक गर्मी पड़ती है, तो आपको ग्रीन शेड लगाने की जरूरत होगी। जहां तापमान सामान्य रहता है, वहां हल्की छांव और नियमित सिंचाई से भी पौधे स्वस्थ रह सकते हैं।
अगर आप ऐसे पौधे चुनें जो आपके इलाके की जलवायु के अनुकूल हों, तो वे बिना ज्यादा देखभाल के भी अच्छी ग्रोथ कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, गर्मियों में लौकी, करेला, भिंडी, टमाटर, तुलसी और पुदीना जैसी सब्जियां और जड़ी-बूटियां अच्छी तरह उगती हैं। फूलों के लिए गुलाब, गेंदा, कनेर, मोगरा और गुड़हल अच्छे विकल्प हैं।
गर्मी के मौसम में मिट्टी जल्दी सूखने लगती है, जिससे पौधों को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इसके लिए मिट्टी में जैविक खाद मिलाएं, ताकि नमी बनी रहे और पौधों को सही पोषण मिले। गमलों में अच्छी जल निकासी का ध्यान रखें, ताकि अतिरिक्त पानी रुककर जड़ों को सड़ने से बचा सके।
ग्रीन शेड लगाएं ताकि पौधे झुलसने से बचें:
गर्मियों में तेज धूप पौधों को झुलसा सकती है, इसलिए ग्रीन नेट या पुरानी चादरों से छांव तैयार करें। ध्यान दें कि छांव पौधों से कुछ ऊंचाई पर हो ताकि हवा का संचार बना रहे और सूरज की रोशनी भी पौधों को पर्याप्त मिले।
मल्चिंग (Mulching) करें ताकि नमी बनी रहे:
मिट्टी की नमी बनाए रखने और खरपतवार रोकने के लिए पौधों के चारों ओर मल्चिंग करें। मल्चिंग के लिए आप सूखी पत्तियां, पुआल, नारियल की भूसी या लकड़ी के बुरादे का उपयोग कर सकते हैं। इससे मिट्टी का तापमान नियंत्रित रहेगा और पौधों की जड़ें ठंडी रहेंगी।
घर में तैयार करें ठंडी खाद:
आप रसोई के जैविक कचरे जैसे सब्जियों और फलों के छिलकों से जैविक खाद बना सकते हैं। इन छिलकों को पानी में भिगोकर रखें और इस पानी को पौधों में डालें, जिससे वे स्वस्थ रहेंगे। यह पौधों के लिए ठंडी खाद का काम करेगा और उनकी ग्रोथ को बढ़ावा देगा।
नियमित रूप से प्रूनिंग (छंटाई) करें:
पौधों की सूखी पत्तियों और डैमेज शाखाओं को काटना जरूरी होता है। इससे हवा का संचार अच्छा होता है और पौधों को फंगल इंफेक्शन से बचाया जा सकता है। मुरझाए हुए फूलों को हटाने से पौधे नई कली और पत्तियां निकालते हैं।
पानी देने का सही तरीका अपनाएं:
गर्मियों में सुबह और शाम के समय ही पानी दें ताकि पौधों को अधिकतम नमी मिल सके। दोपहर में पानी देने से बचें, क्योंकि धूप में पानी जल्दी सूख जाता है और जड़ों को पर्याप्त नमी नहीं मिल पाती। जरूरत से ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं, इसलिए संतुलित सिंचाई करें।
कीटों से करें बचाव:
जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, कीटों और रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। नीम का तेल और लहसुन का स्प्रे तैयार करके पौधों पर छिड़कें, ताकि कीटों से बचाव हो सके। लहसुन स्प्रे बनाने के लिए लहसुन की कलियों को पानी में भिगोकर रखें, फिर इस पानी को छानकर पौधों पर स्प्रे करें।
अगर आप इन आसान लेकिन असरदार टिप्स को अपनाएंगे, तो आपका गार्डन गर्मी में भी हरा-भरा बना रहेगा।
✔️ जलवायु को समझें और सही पौधे लगाएं
✔️ मिट्टी को जैविक खाद से तैयार करें
✔️ गर्मियों में पौधों को झुलसने से बचाने के लिए ग्रीन शेड और मल्चिंग करें
✔️ सही समय और सही मात्रा में पानी दें
✔️ कीटों से बचाव के लिए जैविक उपाय अपनाएं
तो इस बार गर्मी में भी आपकी बगिया हरी-भरी और खूबसूरत बनी रहेगी।