बदलते मौसम के कारण किसानों की सब्जी फसलों पर कीट और रोगों का खतरा बढ़ गया है, जिससे किसान काफी परेशान हैं। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार के कृषि विभाग ने लत्तेदार सब्जियों को कीटों से बचाने के लिए जरूरी उपाय अपनाने की सलाह दी है। सब्जी फसलों को कीटों और रोगों से बचाना बेहद आवश्यक है, अन्यथा पूरी फसल नष्ट हो सकती है।
1. कद्दू लाल मृंग:
कद्दू लाल मृंग लत्तेदार सब्जियों में लगने वाला एक खतरनाक कीट है। इसकी पहचान इसकी नारंगी पीठ और काले रंग के उदर से की जा सकती है। यह कीट पत्तियों, फूलों और नए पौधों को नुकसान पहुंचाता है, जबकि इसके शिशु पौधों की जड़ों को खाते हैं।
बचाव के उपाय:
2. फल मक्खी:
गर्मी बढ़ने के साथ ही लत्तेदार सब्जियों पर फल मक्खी का खतरा भी बढ़ने लगा है। यह मक्खी भूरे रंग की होती है, और इसके लार्वा फलों के अंदरूनी भाग को खाते हैं, जिससे फसल खराब हो जाती है।
बचाव के उपाय:
3. पाउडरी फफूंद रोग:
यह एक फफूंद जनित रोग है, जिसमें पत्तियों पर छोटे सफेद धब्बे बनते हैं, जो बाद में सफेद चूर्ण का रूप ले लेते हैं और पौधों को सुखाने लगते हैं।
बचाव के उपाय:
4. डाउनी फफूंद रोग:
इस रोग में पत्तियों पर पीले धब्बे बनते हैं, और पत्तियों के नीचे सफेद फफूंद का जाल दिखाई देता है। यह पत्तियों को सुखाकर पौधे की बढ़वार रोक देता है।
बचाव के उपाय:
किसानों के लिए जरूरी सलाह: किसानों को अपनी सब्जी फसलों को कीट और रोगों से बचाने के लिए जैविक और रासायनिक उपायों का सही इस्तेमाल करना चाहिए। गुड़ और ताड़ी से बने कीटनाशक का प्रयोग प्राकृतिक उपायों में बेहद प्रभावी है। इसके साथ ही फसल की नियमित निगरानी और समय पर छिड़काव करना आवश्यक है, जिससे पौधों को स्वस्थ रखा जा सके और फसल की उपज में बढ़ोतरी हो।
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