किसान भाइयों, अक्सर देखा जाता है कि धान की फसल कटने के बाद खेत लंबे समय तक खाली पड़े रहते हैं या फिर किसान आलू जैसी फसलें लगाते हैं। लेकिन अगर आप इस बार अपने खेत को खाली नहीं छोड़ते और पूसा सरसों-32 (Pusa Sarson-32) की खेती अपनाते हैं, तो कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है और किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जल्दी पकने वाली, रोग प्रतिरोधक और अधिक पैदावार देने वाली यह सरसों की किस्म आपके खेत की उत्पादकता बढ़ाकर आपकी आमदनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है। धान की फसल के तुरंत बाद इसकी बुवाई करके आप समय का सही उपयोग कर सकते हैं और अगली फसल भी समय पर बो पाएंगे। अगर आप कम लागत और ज्यादा मुनाफा चाहते हैं, तो पूसा सरसों-32 की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित होगी।
पूसा सरसों-32 किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म जल्दी पकती है और रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता रखती है।
इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत है इसका जल्दी पकना।
धान की कटाई के बाद खेत खाली छोड़ने के बजाय पूसा सरसों-32 की खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। यह किस्म कम समय में अधिक पैदावार देती है और अच्छी कीमत भी दिलाती है। सही समय पर बुवाई और उचित देखभाल से किसान अपनी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं।