धान की फसल पर कीट और रोग का हमला! सही समय पर करें ये उपाय, वरना होगा भारी नुकसान

धान की फसल पर कीट और रोग का हमला! सही समय पर करें ये उपाय, वरना होगा भारी नुकसान
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कृषि दुनिया
  • 28 Sep, 2025 11:54 AM IST ,
  • Updated Sun, 28 Sep 2025 12:03 PM

धान की फसल में इन दिनों रसचूसक कीट जैसे फुदका, माहो, पत्ती लपेटक के प्रकोप और विभिन्न रोगों की समस्या बढ़ रही है। अगर इनकी संख्या आर्थिक क्षति स्तर से अधिक हो तो किसानों को तुरंत उपयुक्त कीटनाशक और फफूंदनाशक का उपयोग करना चाहिए। ध्यान रखें कि एक समय में केवल एक ही कीटनाशक या फफूंदनाशक का छिड़काव करें।

धान के प्रमुख कीट और उनका आर्थिक क्षति स्तर

कीट का नामआर्थिक क्षति स्तर
तना छेदक10% डेड हार्ट (वानस्पतिक अवस्था), 2% व्हाइट इयर (पुष्पन अवस्था)
भूरा पृष्ठ फुदका1 हापर प्रति टिलर
हरा पृष्ठ फुदका5 प्रति हिल (वानस्पतिक अवस्था), 10 प्रति हिल (पुष्पन अवस्था)
पत्ती लपेटक10% क्षतिग्रस्त पत्तियां (वानस्पतिक अवस्था), 5% (पुष्पन अवस्था)
गंधी बग2 बग प्रति हिल
धान हिस्पा2 प्रौढ़ प्रति हिल

धान में कीट नियंत्रण के लिए उपाय

  1. तना छेदक – क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 एस.सी. 125 मिली या कार्टेपहाइड्रोक्लोराइड 4 जी 20 ग्राम।
  2. भूरा / हरा पृष्ठ फुदका – डाइनेटोपयोरान 20% एस.जी. 200 ग्राम या पाइमेट्रोजोइन 50% डब्ल्यू.जी. 300 ग्राम।
  3. पत्ती लपेटक – क्लोरपाइरीफॉस 50 ई.सी. 1.25 लीटर या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. 1.25 लीटर।
  4. गंधी बग – थायोमिथाक्जाम 25% डब्ल्यू.जी. 125 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 250 मिली।

सभी कीटनाशकों को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हैक्टेयर छिड़काव करें और केवल एक ही कीटनाशक का उपयोग एक बार में करें।

धान में जीवाणु पत्ती झुलसा का नियंत्रण

  • यह रोग पीली या पुआल रंग की लहरदार पत्तियों पर दिखाई देता है और किनारों से नीचे बढ़ता है।
  • नियंत्रण के लिए उपयोग करें:
    1. कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 डब्ल्यू.पी. + स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 1000 + 25 ग्राम
    2. कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45 डब्ल्यू.पी. + कासूगामाइसिन 5% 700 मिली

छिड़काव करते समय ध्यान रखें कि एक समय में केवल एक ही फफूंदनाशक का प्रयोग करें।

धान में यूरिया और नैनो यूरिया का उपयोग

  1. यूरिया छिड़काव
    • रोपाई के 30-35 दिन बाद: 50-70 किग्रा प्रति एकड़
    • 60-65 दिन की गभोट अवस्था: 30-40 किग्रा प्रति एकड़
  2. नैनो यूरिया छिड़काव
    • फसल अवस्था 40-45 दिन पर: 500 मिली नैनो यूरिया को 125 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
    • ध्यान रखें कि नैनो यूरिया के साथ किसी भी कीटनाशक या फफूंदनाशक का प्रयोग न करें।

निष्कर्ष

धान की फसल में कीट और रोग नियंत्रण के लिए सही समय पर कीटनाशक, फफूंदनाशक और पोषक तत्वों का उपयोग जरूरी है। किसानों को आर्थिक क्षति स्तर पर ध्यान रखते हुए ही छिड़काव करना चाहिए। उचित देखभाल और सही छिड़काव से फसल सुरक्षित रहती है और उत्पादन बढ़ता है।

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