धान की फसल पर कीट और रोग का हमला! सही समय पर करें ये उपाय, वरना होगा भारी नुकसान
धान की फसल पर कीट और रोग का हमला! सही समय पर करें ये उपाय, वरना होगा भारी नुकसान
कृषि दुनिया
28 Sep, 2025 11:54 AM IST ,
Updated Sun, 28 Sep 2025 12:03 PM
धान की फसल में इन दिनों रसचूसक कीट जैसे फुदका, माहो, पत्ती लपेटक के प्रकोप और विभिन्न रोगों की समस्या बढ़ रही है। अगर इनकी संख्या आर्थिक क्षति स्तर से अधिक हो तो किसानों को तुरंत उपयुक्त कीटनाशक और फफूंदनाशक का उपयोग करना चाहिए। ध्यान रखें कि एक समय में केवल एक ही कीटनाशक या फफूंदनाशक का छिड़काव करें।
छिड़काव करते समय ध्यान रखें कि एक समय में केवल एक ही फफूंदनाशक का प्रयोग करें।
धान में यूरिया और नैनो यूरिया का उपयोग
यूरिया छिड़काव
रोपाई के 30-35 दिन बाद: 50-70 किग्रा प्रति एकड़
60-65 दिन की गभोट अवस्था: 30-40 किग्रा प्रति एकड़
नैनो यूरिया छिड़काव
फसल अवस्था 40-45 दिन पर: 500 मिली नैनो यूरिया को 125 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
ध्यान रखें कि नैनो यूरिया के साथ किसी भी कीटनाशक या फफूंदनाशक का प्रयोग न करें।
निष्कर्ष
धान की फसल में कीट और रोग नियंत्रण के लिए सही समय पर कीटनाशक, फफूंदनाशक और पोषक तत्वों का उपयोग जरूरी है। किसानों को आर्थिक क्षति स्तर पर ध्यान रखते हुए ही छिड़काव करना चाहिए। उचित देखभाल और सही छिड़काव से फसल सुरक्षित रहती है और उत्पादन बढ़ता है।