गन्ना किसानों के लिए एक प्रमुख नकदी फसल है, जिससे वे अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। भारतीय बाजार में गन्ने की मांग और कीमत दोनों ही उच्च होती हैं। यदि किसान उन्नत किस्मों की खेती करें, तो वे कम लागत और कम समय में अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। खासतौर पर शरदकालीन गन्ने की खेती से उच्च उत्पादन संभव है।
शरदकालीन गन्ने की उन्नत किस्में तेजी से बढ़ती हैं और इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है। ये किस्में 95 से 100 टन प्रति हेक्टेयर तक उपज देने की क्षमता रखती हैं। साथ ही, इनमें चीनी की मात्रा अधिक होती है, जिससे गुड़ और चीनी उद्योग को अधिक लाभ मिलता है। इसके अलावा, इन किस्मों में कीटों और रोगों का प्रकोप कम होता है, जिससे किसानों को कम देखभाल में अधिक मुनाफा मिलता है।
1. को-17018 एवं को-16030 (करण-16):
2. को-15023:
3. कोसा-18231 (UP स्पेशल किस्म):
4. को-शा-13235 (अगेती किस्म):
5. कोलख-14201:
अन्य अच्छी पैदावार देने वाली किस्में:
इसके अलावा, किसान को-0118, को-15023, को-17018, को-16030 और को-5011 की खेती कर सकते हैं। इन सभी किस्मों के बीज गन्ना प्रजनन केंद्र, करनाल से प्राप्त किए जा सकते हैं।
गन्ने की उच्च पैदावार के लिए महत्वपूर्ण बातें:
✅ गन्ने की अच्छी उपज के लिए हर तीन साल में किस्म बदलनी चाहिए। इससे कीट और रोगों का प्रकोप कम होता है। गन्ने के लिए 8-10 महीने पुराना स्वस्थ बीज सबसे उपयुक्त होता है।
✅ बीज उपचार के लिए कार्बेन्डाज़िम या थायोफिनेट मिथाइल के घोल में गन्ने का उपचार करना चाहिए। गन्ने की खेती दोमट और काली दोमट मिट्टी में सबसे अच्छी होती है।
✅ गन्ने की उन्नत पैदावार के लिए प्रति हेक्टेयर 120-150 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 50-60 कि.ग्रा. फॉस्फोरस और 30-40 कि.ग्रा. पोटाश की आवश्यकता होती है।
✅ बुआई के 110-120 दिनों बाद नाइट्रोजन की आधी मात्रा (60-75 कि.ग्रा./हेक्टेयर) डालनी चाहिए।
✅ खेत में खरपतवार को नियंत्रित करना और समय पर सिंचाई करना बहुत जरूरी होता है।
✅ दीमक और अंकुर बेधक कीट से बचाव के लिए क्लोरोपायरीफॉस का छिड़काव करना चाहिए।
शरदकालीन गन्ने की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प है। यदि किसान को-17018, को-16030, को-15023, कोसा-18231, को-शा-13235 और कोलख-14201 जैसी उन्नत किस्मों की खेती करें, तो वे प्रति हेक्टेयर 95-100 टन तक गन्ना उत्पादन कर सकते हैं। साथ ही, सही कृषि तकनीक अपनाकर और उचित उर्वरक व सिंचाई प्रबंधन करके किसान अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं।