अब ज़मीन का भी बनेगा आधार कार्ड: जानिए सरकार की नई योजना और इसके बड़े फायदे

अब ज़मीन का भी बनेगा आधार कार्ड: जानिए सरकार की नई योजना और इसके बड़े फायदे

भू-आधार कार्ड

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कृषि दुनिया
  • 24 Jan, 2025 10:50 AM IST ,
  • Updated Fri, 24 Jan 2025 04:36 PM

किसान भाइयों और भूमि मालिकों के लिए सरकार ने एक बड़ी योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत अब ज़मीन को भी आधार कार्ड जैसी पहचान मिलेगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जमीन पर अवैध कब्जों को रोकना और मालिकों को उनकी संपत्ति की सुरक्षा का भरोसा देना है। जैसे आधार कार्ड हमारी पहचान का प्रमाण है, वैसे ही ज़मीन का आधार कार्ड उस जमीन के मालिकाना हक को वैध बनाएगा। भूमि की बढ़ती कीमतों और अवैध कब्जों की समस्या को देखते हुए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे जमीन से जुड़े विवाद कम होंगे।

इस योजना के तहत हर जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जो न केवल पारदर्शिता लाएगा, बल्कि भूमि खरीद-फरोख्त को भी सुरक्षित और आसान बनाएगा। यह पहल उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है, जो अपनी जमीन पर लंबे समय तक नजर नहीं रख पाते। ज़मीन का आधार कार्ड बन जाने से कोई भी व्यक्ति या संस्था जमीन पर अवैध दावा नहीं कर सकेगी। यह योजना भविष्य में किसानों और जमीन मालिकों के लिए एक बड़ा राहतकारी कदम साबित होगी।

भू-आधार कार्ड (Bhu Aadhar Card) क्या है?

भू-आधार कार्ड की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के बजट में की थी। इस योजना के तहत, भूमि का आधिकारिक रिकॉर्ड नवीनीकरण और डिजिटलीकरण किया जा रहा है। भू-आधार कार्ड में भूमि मालिक का नाम, ज़मीन का रकबा, और ज़मीन से संबंधित सभी जानकारी होती है। इसे पहचान के लिए 14 अंकों की विशिष्ट अल्फान्यूमेरिक संख्या दी जाती है, जो कि भूमि का डिजिटल प्रमाण है। यह कार्ड कृषि भूमि के मालिकों के लिए जारी किया जाता है, और इसे आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा, जिससे योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को आसानी से मिल सके।

भू-आधार कार्ड से लाभ:

भू-आधार कार्ड बनवाने के कई फायदे हैं:

  • अवैध कब्जे से सुरक्षा: यदि आप अपनी ज़मीन को आधार कार्ड से लिंक कराते हैं, तो किसी भी व्यक्ति के लिए आपकी ज़मीन पर कब्जा करना मुश्किल हो जाएगा। यदि कब्जा हो भी जाए, तो इसे खाली करवाने की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
  • डिजिटल रिकॉर्ड्स: भूमि के रिकॉर्ड डिजिटल रूप से उपलब्ध होंगे, जिससे ज़मीन से संबंधित विवादों को सुलझाना आसान होगा।
  • आसान वित्तीय सेवाएं: भूमि के आधार से लिंक होने से किसानों और भूमि मालिकों को कृषि ऋण तथा अन्य वित्तीय सेवाएं प्राप्त करने में आसानी होगी।

कैसे बनवाएं भू-आधार कार्ड?

भू-आधार कार्ड बनवाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:

  1. अपने आधार कार्ड और ज़मीन के कागजात के साथ स्थानीय रेवेन्यू ऑफिस जाएं।
  2. वहां से भू-आधार कार्ड बनाने के लिए फॉर्म प्राप्त करें और उसे भरकर जमा करें।
  3. इसके बाद आपको अपनी ज़मीन का ULPIN (Unique Land Parcel Identification Number) प्राप्त होगा, जिसे आधार से लिंक करना होगा।
  4. कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन उपलब्ध है, जिससे आप घर बैठे ही ज़मीन को आधार से लिंक कर सकते हैं।

भू-आधार कार्ड बनने के बाद आपकी ज़मीन सुरक्षित होगी, और अवैध कब्जे की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। यह योजना भूमि मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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