Desi Tomato Farming: दिसंबर में लगाएं बौड़िया देसी टमाटर, 4 महीने तक पाएं लगातार उत्पादन

Desi Tomato Farming: दिसंबर में लगाएं बौड़िया देसी टमाटर, 4 महीने तक पाएं लगातार उत्पादन

बौड़िया देसी टमाटर

kd-icon
कृषि दुनिया
  • 19 Dec, 2025 11:48 AM IST ,
  • Updated Fri, 19 Dec 2025 01:38 PM

दिसंबर में लगाएं ‘बौड़िया’ देसी टमाटर, 4 महीने तक पाएं लगातार पैदावार

देश में टमाटर की कई उन्नत और हाइब्रिड किस्में मौजूद हैं, लेकिन आज भी देसी टमाटर का स्वाद और भरोसा बरकरार है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के किसान रामकिशोर दुबे ने एक ऐसी देसी टमाटर की किस्म उगाई है, जो कम देखभाल में शानदार उत्पादन देती है। खास बात यह है कि यह टमाटर बिना खाद और बहुत कम पानी में मात्र 30 दिन में तैयार हो जाता है और करीब चार महीने तक फल देता है।

क्या है इस देसी टमाटर की खासियत

इस टमाटर को स्थानीय भाषा में बौड़िया देसी टमाटर कहा जाता है। किसान के अनुसार, इस किस्म का एक ही पौधा लगभग 1 क्विंटल तक टमाटर दे सकता है। यही कारण है कि यह टमाटर भले ही व्यवसायिक स्तर पर कम उगाया जाता हो, लेकिन घरेलू उपयोग के लिए इसकी मांग गांव-गांव में बनी रहती है।

दिसंबर माह में भी आसानी से की जा सकती है खेती

किसान रामकिशोर दुबे बताते हैं कि इस देसी टमाटर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे दिसंबर जैसे ठंडे महीने में भी लगाया जा सकता है। इसमें न तो रासायनिक खाद की आवश्यकता होती है और न ही अधिक सिंचाई की जरूरत पड़ती है। सामान्य देखभाल में ही यह पौधा तेजी से बढ़ता है और एक महीने के भीतर फल देना शुरू कर देता है। दिसंबर में लगाया गया पौधा जनवरी से उत्पादन देने लगता है।

बेल की तरह बढ़ता है पौधा, सहारे की होती है जरूरत

बौड़िया टमाटर का पौधा सामान्य टमाटर की तरह जमीन पर नहीं फैलता, बल्कि बेल की तरह ऊपर की ओर चढ़ता है। इसकी लंबाई 10 फीट से भी अधिक हो सकती है। किसान बताते हैं कि पौधे को टूटने से बचाने के लिए रस्सी या लकड़ी का सहारा देना जरूरी होता है। सही सहारा मिलने पर पौधा मजबूत रहता है और लंबे समय तक फल देता है।

एक पौधे से मिलता है भरपूर उत्पादन

इस देसी टमाटर की पैदावार इसे और खास बनाती है। एक पौधे पर टमाटर के कई गुच्छे लगते हैं, जिनमें हर गुच्छे में करीब 5 टमाटर होते हैं। टमाटर का आकार बड़ा होता है और एक टमाटर का वजन 200 ग्राम से अधिक हो सकता है। यही वजह है कि एक ही पौधे से करीब 1 क्विंटल उत्पादन संभव हो पाता है।

क्यों कहा जाता है इसे बौड़िया टमाटर

स्थानीय किसान बताते हैं कि यह टमाटर जमीन पर फैलने के बजाय सेम, करेला और गिलकी की तरह ऊपर चढ़ता है, इसी कारण इसे बौड़िया टमाटर कहा जाता है। इसकी बेल मजबूत होती है और सही देखभाल में लगातार फल देती रहती है।

स्वाद में बेजोड़, सब्जी में नहीं चाहिए ज्यादा मसाले

देसी टमाटर का स्वाद ही इसकी सबसे बड़ी पहचान है। किसान बताते हैं कि इसका स्वाद खट्टा और रसीला होता है। इसकी सब्जी बनाने में ज्यादा मसालों की जरूरत नहीं पड़ती। केवल हरी मिर्च और हरा धनिया डालने से ही स्वादिष्ट सब्जी तैयार हो जाती है। इसके अलावा इसे भूनकर या कच्चा खाने में भी अलग ही स्वाद मिलता है। इसका छिलका पतला होता है और रस भरपूर होता है।

कृषि विशेषज्ञ की राय

छतरपुर के नौगांव कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ कृषि विशेषज्ञ डॉ. कमलेश अहिरवार बताते हैं कि देसी टमाटर की कई किस्में होती हैं। इनमें छोटे आकार के देसी चेरी टमाटर से लेकर बड़े फल वाले देसी टमाटर शामिल हैं। वर्तमान समय में देसी टमाटर के हाइब्रिड बीज भी उपलब्ध हैं। किसान अपनी जरूरत और क्षेत्र के अनुसार बीज भंडार से उपयुक्त किस्म का चयन कर सकते हैं।

कम लागत में स्वाद और उत्पादन, किसानों के लिए बेहतरीन विकल्प

कम पानी, बिना खाद, जल्दी तैयार होने और लंबे समय तक उत्पादन देने वाला बौड़िया देसी टमाटर उन किसानों और बागवानी प्रेमियों के लिए बेहतरीन विकल्प है, जो घर पर शुद्ध, स्वादिष्ट और भरोसेमंद टमाटर उगाना चाहते हैं। खासकर सर्दियों के मौसम में यह देसी किस्म किसानों को कम मेहनत में शानदार परिणाम देती है।

Advertisement