गर्मियों में दूध घटने की टेंशन खत्म, पशुओं को इस वक्त दें चारा और पानी में मिलाएं ये देसी चीज
गर्मियों में दूध घटने की टेंशन खत्म, पशुओं को इस वक्त दें चारा और पानी में मिलाएं ये देसी चीज
पशुओं को गर्मी और लू से बचाने के आसान घरेलू उपाय
कृषि दुनिया
29 Mar, 2025 10:47 AM IST ,
Updated Sat, 29 Mar 2025 02:27 PM
गर्मी का मौसम केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि पशुओं के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता है। विशेष रूप से दुधारू पशुओं का दूध उत्पादन इस मौसम में प्रभावित हो सकता है। तापमान में वृद्धि के कारण पशुओं की भूख कम हो जाती है, जिससे दूध की मात्रा भी घटने लगती है। यदि सही देखभाल की जाए और समय पर उचित पोषण मिले, तो इस समस्या से बचा जा सकता है।
गर्मी में पशुओं को लू से बचाने के उपाय Measures to protect animals from heat stroke in summer:
गर्म हवाएं और लू पशुओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती हैं। इससे बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए –
दोपहर के समय पशुओं को चराने के लिए न ले जाएं। उन्हें छायादार स्थान पर रखें।
पशुशाला के आसपास पानी का छिड़काव करें, जिससे वातावरण ठंडा बना रहे।
अत्यधिक गर्मी होने पर फोगर सिस्टम या गीले बोरे का उपयोग करें।
पशुशाला के ऊपर पुआल या टाट का छप्पर डालकर गर्मी के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
यदि कोई पशु सुस्त दिखाई दे और चारा-पानी न ले, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
चारा और पानी देने का सही समय और तरीका The right time and method of giving feed and water:
गर्मी में पशुओं को उचित मात्रा में चारा और पानी देना आवश्यक होता है। इसके लिए सही समय और तरीके का ध्यान रखना चाहिए –
पानी देने के नियम:
दिन में कम से कम तीन से चार बार स्वच्छ और ठंडा पानी दें।
पानी में गुड़ मिलाकर देने से पशुओं को ऊर्जा मिलती है।
इलेक्ट्रोलाइट पाउडर मिलाने से पशु हाइड्रेट रहते हैं और लू से बचते हैं।
चारा देने के सही नियम:
सुबह 9 बजे और शाम 5 बजे हरा चारा दें।
यदि हरा चारा कम हो, तो सूखे चारे के साथ गुड़ और दानेदार चारा मिलाकर खिलाएं।
फफूंदी लगे या सड़ा-गला चारा देने से बचें, इससे बीमारियां फैल सकती हैं।
गर्मी में हरे चारे की कमी से बचने के उपाय:
गर्मियों में हरे चारे की उपलब्धता कम हो सकती है, लेकिन कुछ फसलें लगाकर इस समस्या से बचा जा सकता है –
मार्च-अप्रैल में ज्वार, मक्का, बरबटी और लोबिया जैसी चारा फसलें उगाएं।
लोबिया एक पोषक तत्वों से भरपूर चारा फसल है, जो दूध उत्पादन को बनाए रखने में सहायक होती है।
जैविक खाद का उपयोग करके चारे की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
देसी उपाय जो पशुओं को स्वस्थ रखते हैं:
गुड़ और छाछ – गुड़ से ऊर्जा मिलती है और छाछ में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया पशुओं की पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं।
आंवला और हल्दी – चारे में हल्दी और आंवले का चूर्ण मिलाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
नीम की पत्तियां – नीम की पत्तियों का चूर्ण पेट से जुड़ी बीमारियों से बचाने में सहायक होता है।
लहसुन का पेस्ट – लहसुन को पीसकर चारे में मिलाने से संक्रमण से बचाव किया जा सकता है।
गर्मी में पशुओं की देखभाल में थोड़ी सावधानी और सही पोषण के माध्यम से दूध उत्पादन में कमी को रोका जा सकता है। समय पर चारा-पानी देने, छायादार स्थान पर रखने और प्राकृतिक उपायों को अपनाने से पशु स्वस्थ रहेंगे और उनका उत्पादन स्थिर बना रहेगा। सही देखभाल से गर्मी में भी पशुओं का दूध उत्पादन प्रभावित नहीं होगा।