उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद को लेकर किसानों को बड़ी राहत दी है। अब राज्य के पंजीकृत किसान 100 क्विंटल तक गेहूं बिना किसी सत्यापन के सरकारी खरीद केंद्रों पर बेच सकेंगे। सरकार का उद्देश्य यह है कि सत्यापन या दस्तावेज़ों में किसी भी त्रुटि के कारण किसानों को गेहूं बेचने में कोई परेशानी न हो।
राज्य सरकार ने यह भी व्यवस्था की है कि सत्यापन कराने वाले किसान अपनी अनुमानित उत्पादन क्षमता के तीन गुना तक गेहूं बेच सकते हैं। इससे उन किसानों को विशेष लाभ मिलेगा जिनके दस्तावेज़ों में कोई गड़बड़ी है या जिनका सत्यापन देर से होता है। इससे उन्हें अपनी पूरी फसल बेचने में आसानी होगी।
खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि किसान fcs.up.gov.in पोर्टल या UP KISHAN MITRA मोबाइल ऐप के माध्यम से गेहूं बिक्री के लिए पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण करा सकते हैं। यह प्रक्रिया ऑनलाइन है, जिससे किसान घर बैठे आसानी से जुड़ सकते हैं।
शनिवार को दोपहर 3:10 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार:
एमएसपी के अलावा मिल रहे हैं 20 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त: किसानों को एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल के साथ-साथ 20 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त दिए जा रहे हैं। यह अतिरिक्त राशि उतराई, छनाई और सफाई के मद में दी जा रही है। विभाग का कहना है कि इस फैसले से किसानों को और ज्यादा फायदा होगा।
खरीद केंद्रों पर 12 घंटे हो रही खरीद: सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खरीद की व्यवस्था की है। साथ ही छुट्टी के दिन भी केंद्र खुले रहते हैं। गेहूं तौलने की व्यवस्था भी कटाई स्थल के पास ही की गई है, जिससे किसानों को बार-बार आने की जरूरत न हो।
समस्या होने पर यहां करें संपर्क: यदि किसी किसान को खरीद प्रक्रिया से जुड़ी कोई समस्या आती है, तो वे टोल फ्री नंबर 18001800150 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा वे संबंधित जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक विपणन अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं।
बटाईदार किसान भी बेच सकते हैं फसल: राज्य सरकार की इस नई व्यवस्था में बटाईदार किसान भी अपनी फसल सरकारी केंद्रों पर बेच सकते हैं। साथ ही, केंद्रों पर जाकर तत्काल रजिस्ट्रेशन कराकर भी किसान अपनी फसल की बिक्री कर सकते हैं।