आज के समय में किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़ते हुए तरह-तरह की सब्जियों और नकदी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। इसका सीधा फायदा यह हो रहा है कि किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। इन्हीं में एक प्रमुख फसल है लौकी, जिसकी खेती सालभर तीन सीजन – जायद, खरीफ और रबी – में की जा सकती है। किसानों की इसी बढ़ती रुचि को देखते हुए राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) ने लौकी की उन्नत किस्म PSPL के बीज की ऑनलाइन बिक्री शुरू की है, जिसे किसान घर बैठे मंगा सकते हैं।
अगर आप भी लौकी की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आप NSC की आधिकारिक वेबसाइट से PSPL किस्म का बीज ऑनलाइन खरीद सकते हैं। राष्ट्रीय बीज निगम किसानों को यह सुविधा दे रहा है कि वे अपने घर बैठे बीज मंगवा सकें और खेती की शुरुआत कर सकें। इससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलने के साथ-साथ विश्वसनीयता भी सुनिश्चित होती है।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई लौकी की PSPL किस्म खेती के लिहाज से बेहद उत्तम मानी जाती है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे जायद और खरीफ दोनों ही सीजन में आसानी से उगाया जा सकता है। इस किस्म के फल आकर्षक हरे रंग के होते हैं और इनकी लंबाई लगभग 40 से 50 सेमी तक होती है। यह एक जल्दी पकने वाली किस्म है, जिससे कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। PSPL किस्म की औसत उपज 400 से 425 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जो इसे किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी बनाती है।
PSPL किस्म की कीमत: फिलहाल PSPL लौकी किस्म के 15 ग्राम बीज का पैकेट केवल 22 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह एक किफायती और भरोसेमंद विकल्प है, जिससे किसान कम लागत में खेती शुरू करके अच्छी आमदनी कर सकते हैं।
खेती योग्य जलवायु और भूमि: लौकी की खेती लगभग पूरे देश में आसानी से की जा सकती है। इसके लिए ऐसी भूमि उपयुक्त होती है, जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो। अधिक देर तक पानी जमा रहने से फसल को नुकसान हो सकता है। लौकी की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी को सर्वोत्तम माना जाता है। यह फसल पाले को सहन नहीं कर सकती, इसलिए ठंड के मौसम में इसकी खेती से बचना चाहिए। लौकी की सफल खेती के लिए लगभग 30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त माना जाता है।