Chaitra Navratri 2025: कब से होंगे माँ दुर्गा के जयकारे? जानें नवरात्रि का शेड्यूल और खास मुहूर्त

Chaitra Navratri 2025: कब से होंगे माँ दुर्गा के जयकारे? जानें नवरात्रि का शेड्यूल और खास मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 2025

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कृषि दुनिया
  • 16 Mar, 2025 03:09 PM IST ,
  • Updated Mon, 17 Mar 2025 12:24 PM

Chaitra Navratri Calendar 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल में चार बार मनाई जाने वाली नवरात्रि में से चैत्र नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होती है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना (घटस्थापना) की जाती है, अखंड ज्योत जलाई जाती है और कन्या पूजन किया जाता है। अंतिम दिन रामनवमी का पर्व भी धूमधाम से मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस साल चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत, कलश स्थापना मुहूर्त और नौ देवियों की पूजा तिथियां।

चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथि (Chaitra Navratri 2025 Date)

पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से शुरू हो रही है।
• प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 29 मार्च को शाम 04:27 बजे
• प्रतिपदा तिथि समाप्त: 30 मार्च दोपहर 12:49 बजे
• कलश स्थापना और प्रथम पूजा: 30 मार्च 2025
• चैत्र नवरात्रि का समापन एवं रामनवमी: 7 अप्रैल 2025

चैत्र नवरात्रि 2025 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Ghatsthapana Muhurat)

• शुभ मुहूर्त: 30 मार्च 2025, सुबह 06:13 से 10:22 तक
• अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 12:50 तक

चैत्र नवरात्रि 2025 का पूजा कैलेंडर (Chaitra Navratri 2025 Puja Calendar)

दिन (Day)तिथि (Date)वार (Day)देवी पूजा (Devi Puja)
पहला दिन30 मार्च 2025रविवारमां शैलपुत्री
दूसरा दिन31 मार्च 2025सोमवारमां ब्रह्मचारिणी
तीसरा दिन01 अप्रैल 2025मंगलवारमां चंद्रघंटा
चौथा दिन02 अप्रैल 2025बुधवारमां कूष्मांडा
पांचवा दिन03 अप्रैल 2025गुरुवारमां स्कंदमाता
छठवां दिन04 अप्रैल 2025शुक्रवारमां कात्यायनी
सातवां दिन05 अप्रैल 2025शनिवारमां कालरात्रि
आठवां दिन06 अप्रैल 2025रविवारमां महागौरी
नौवां दिन07 अप्रैल 2025सोमवारमां सिद्धिदात्री

नवरात्रि का महत्व और पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्त उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए रामचरितमानस और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। इस दौरान घर में अखंड दीप जलाना, घटस्थापना करना और कन्या पूजन करना विशेष फलदायी माना जाता है।
घटस्थापना के लिए मिट्टी का कलश लिया जाता है, जिसमें जल भरकर उसके ऊपर आम के पत्ते और नारियल रखा जाता है। कलश पर स्वस्तिक का चिह्न बनाकर पूजा की जाती है और मां दुर्गा से सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।

रामनवमी और नवरात्रि समापन

चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों के उपरांत 7 अप्रैल 2025 को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। कई स्थानों पर कन्या पूजन, हवन, राम कथा और राम जन्मोत्सव के आयोजन किए जाते हैं।

निष्कर्ष

चैत्र नवरात्रि सात्विकता, भक्ति और शक्ति की आराधना का पर्व है। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा से जीवन में शांति, सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस पावन अवसर पर श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा-अर्चना करने से मां दुर्गा की कृपा सदा बनी रहती है।

जय माता दी!

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