भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हाल ही में देश के कई हिस्सों में बारिश की संभावना जताई है। दिल्ली-एनसीआर में अगले 24-48 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण उत्तर भारत के राज्यों में मौसम में यह बदलाव देखा जा रहा है। इसके अलावा, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी बारिश के आसार हैं।
बारिश के साथ-साथ तेज़ हवाएं चलने की संभावना है, जो तापमान को और गिरा सकती हैं। मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि बारिश के कारण ठंड का प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है।
दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के मौसम में बारिश का आगमन हमेशा विशेष होता है। यह न केवल ठंड को बढ़ाने का कारण बनता है, बल्कि वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी मदद करता है। आज सुबह से ही दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बादल छाए रहे। दोपहर तक बारिश होने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग ने बताया है कि न्यूनतम तापमान 6-8 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जबकि अधिकतम तापमान 15-17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। ठंडी हवाओं और बारिश के साथ दिनभर ठिठुरन बनी रहेगी।
पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के कई राज्यों में शीतलहर का प्रकोप देखा जा रहा है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में न्यूनतम तापमान 2-5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। IMD ने इन क्षेत्रों में शीतलहर और घने कोहरे की चेतावनी जारी की है।
घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी बहुत कम हो रही है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है। वाहन चालकों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को ठंड से बचाव के लिए अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत है।
फसलों और पशुधन की करें देखभाल: मौसम में बदलाव का सबसे अधिक प्रभाव किसानों और उनके फसलों पर पड़ता है। बारिश और शीतलहर से फसलों को नुकसान हो सकता है। IMD ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए उचित उपाय करें।
मौसम का यह बदलाव न केवल लोगों की दिनचर्या पर प्रभाव डाल सकता है, बल्कि किसानों और परिवहन व्यवस्था के लिए भी चुनौतियां पैदा कर सकता है। बारिश और ठंड के कारण लोगों को सतर्क रहने और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने की सलाह दी जाती है। फसलों और पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी इस मौसम में प्राथमिकता होनी चाहिए।
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