नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह आनंद विहार इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 430 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। वहीं, आश्रम और महारानी बाग के आस-पास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ पाई गई है।
सुबह-सुबह राजधानी के कई हिस्सों में स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं महसूस हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पराली जलाने, वाहनों के धुएं और ठंडी हवा के कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।
CPCB की रिपोर्ट के अनुसार, आनंद विहार के बाद वज़ीरपुर में AQI 406, अशोक विहार में 369 और ITO क्षेत्र में 329 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, दिल्ली के कई अन्य हिस्सों में भी हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्तर पर बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों से हवा की दिशा और गति दोनों ही कम होने से प्रदूषक कण ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं।
वायु गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (GRAP) को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने लोगों से निजी वाहनों का कम उपयोग करने और सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा इस्तेमाल करने की अपील की है। साथ ही निर्माण कार्यों पर नियंत्रण और कचरा जलाने पर रोक जैसे कदम भी उठाए जा रहे हैं।
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इतनी खराब वायु गुणवत्ता में लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थमा, दिल और फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सुबह-शाम घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को भी इस मौसम में विशेष सावधानी की जरूरत है।
प्रदूषण के चलते राजधानी के कई इलाकों में धुंध की वजह से यातायात पर भी असर पड़ा है। सुबह के समय दृश्यता कम होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदूषण के बढ़ते स्तर से दिल्लीवासियों में चिंता का माहौल है और लोग सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।